जूनियर को आरजीपीवी का एचओडी बनाने पर अदिवासी समूदाय के प्रोफेसर ने जताई आपत्ति

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के यूआईटी आटोनोमश के निदेशक आरएस राजपूत मनमर्जी पर लगे हुए हैं। इसे लेकर यूआईटी के प्रोफेसरों ने मोर्चा खोल दिया है। दो सीनियर प्रोफेसर ने विभागाध्यक्ष पियूष शुक्ला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने निदेशक राजपूत से शिकायत दर्ज कराते हुए एचओडी शुक्ला के साथ कार्य करने से इंकार कर दिया है। वहीं यूआईटी के सभी प्रोफेसरों ने कुलपति सुनील कुमार गुप्ता से निदेशक राजपूत के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत दर्ज कराई है। 

आरजीपीवी यूआईटी के निदेशक राजपूत अपनी मनमर्जी करने पर आमादा हो गए हैं। वे सीनियर को छोड़कर सबसे ज्यादा जूनियर को विभाग का प्रभार सौंपकर एचओडी नियुक्त कर रहे हैं। उन्होंने कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग में पियूष शुक्ला को एचओडी नियुक्त किया गया है। इसे लेकर दो प्रोफेसरों ने जूनियर प्रोफेसर शुक्ला को एचओडी बनने पर आपत्ति दर्ज कराई है। इसमें राजू वरास्कर और उदय चौरसिया शामिल हैं। वरास्कर ने कहाकि वे आदिवासी समूदाय के प्रोफेसर हैं। उन्होंने पत्र में कहाकि वे एक विशेष वर्ग में होने के कारण एचओडी नहीं बनाया गया है, जो काफी अपमानजनक है। इसलिए वे जूनियर होने के कारण एचओडी बने शुक्ला के अधीन होकर कार्य करना किसी भी प्रकार से स्वीकृत नहीं हैं। 

प्रो. वरास्कर ने एचओडी शुक्ला के खिलाफ हुईपूर्व की शिकायतों पर निदेशक राजपूत काध्यान आर्कषित किया है। इसी तरह प्रो. चौरसिया ने निदेशक राजपूत के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई है। उन्होंने एचओडी बने जूनियर प्रोफेसर के साथ कार्य करने पर एतराज जताया है। उन्होंने एचओडी शुक्ला के पदस्थ होने पर विभाग में अराजकता माहौल बनने, अनुशासन का अभाव होने के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता, विकास एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों पर दुष्प्रभाव होना बताया है। शुक्ला विभाग में सबसे ज्यादा जूनियर है। उनसे सीनियर सिलाकारी, महेश मोटवानी, राजू वरास्कर और उदय चौरसिया हैं। उन्हें अनदेखा कर शुक्ला को एचओडी नियुक्त किया गया है। वहीं सिविल विभाग में सुधीर सिंह भदौरिया को हटाकर जूनियर सलीम अख्तर को एचओडी बनाया गया है। वहीं इलेक्ट्रिकल विभाग में एससी चौबे, विनय थापर और शोभना जैन को अनदेखा कर केटी चतुर्वेदी को विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। 

कुलपति गुप्ता से शिकायत 
सीनियर को छोड़ जूनियर को विभाग की कमान सौंपी जा रही है। इससे उन्हें जूनियर के अंडर में रहकर विभाग की गतिविधियों में शामिल होना पड़ रहा है। इसलिए वरिष्ठ प्रोफेसर एकत्रित होकर कुलपति गुप्ता के पास पहुंचे। उन्होंने कुलपति गुप्ता से निदेशक राजपूत की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे यूआईटी में पारदर्शियता खत्म हो गई है। उन्होंने कुलपति गुप्ता से निदेशक राजपूत के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। 

वर्जन 
वरिष्ठ प्रोफेसरों ने मुझसे निदेशक राजपूत की शिकायत की है। आगामी दिनों में निदेशक राजपूत के लिए यूआईटी संचालित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। 
प्रो. सुनील कुमार गुप्ता, कुलपति, आरजीपीवी 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *