जीडीपी विकास दर 4.5% रही तो 9 साल में हासिल होगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का टारगेट

 
नई दिल्ली 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद कहा था कि हम देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर कर देंगे. लेकिन जिस तरह से देश की आर्थिक वृद्धि में गिरावट का सिलसिला जारी है, उससे देश के लिए इस संकल्प को पूरा करना दूर की कौड़ी लग रही है. विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गई. यह छह साल का न्यूनतम स्तर है.

विकास दर के आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य नौ साल दूर है. अगर जीडीपी विकास दर 4.5% रही तो धीमी गति से भारतीय अर्थव्यवस्था विकसित होगी. मोदी सरकार ने कहा है कि 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी, लेकिन अगर जीडीपी विकास दर 4.5% रहेगी तो यह लक्ष्य पाने में 9 साल लगेंगे.

बहरहाल, एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी. वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद से सबसे कम है. उस समय यह 4.3 प्रतिशत रही थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रही. वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी. दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए के आधार पर उत्पादन एक प्रतिशत गिरा है. एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.

इसी प्रकार, कृषि क्षेत्र में जीवीए की वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में नरम होकर 2.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4.9 प्रतिशत थी. निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018-19 की दूसरी तिमाही में 8.5 प्रतिशत थी. खनन क्षेत्र में वृद्धि 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 2.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी.

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