जिले के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस, तीन दिन में देना होगा जवाब

गरियाबंद
 कोरोना के रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों में लापरवाही बरतने वाले 10 अधिकारी-कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है. जिन अधिकारी-कर्मतारियों को यह नोटिस जारी किया गया है उन पर आरोप ये है कि उन्होंने कलेक्टर की ओर से जारी आदेश की अवहेलना की है. दरअसल किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बिना किसी पूर्व सूचना के जिले से बाहर नहीं जाना था, क्योंकि सारी छुट्टिया रद्द कर दी गई थी. बावजूद इसके कई अधिकारी-कर्मचारियों ने इस आदेश का पालन नहीं किया. कलेक्टर श्याम धावड़े जब कलेक्ट्रेट परिसर का आकस्मिक निरीक्षण पहुँचे, तो जिला मुख्यालय के 10 अधिकारी और कर्मचारी डयूटी से नदारद मिले. ड्यूटी से नदारद कर्मचारियों की इस लापरवाही से नाराज कलेक्टर ने सभी शोकॉज नोटिस जारी कर दिया.

इन अधिकारियों को मिला शोकॉज नोटिस
01) विनोद मांढरे, कार्यालय अधीक्षक
02) आरके घनकर, लेखापाल
03) कु.रीतम मेरिसा, सहायक ग्रेड-3
04) श्रीमति पुन्नी साहू, सहायक ग्रेड-3
05) श्रीमति प्रीति रामटेके, सहायक ग्रेड-3
06) गुलशन कुमार सेन, सहायक ग्रेड-3
07) मनोज कुमार ध्रुव, सहायक ग्रेड-3
08) फनेश कुमार पटेल, डाटा एंट्री आपरेटर
09) सालिकराम नायक, भृत्य
10) भूपेन्द्र साहू, नगर सैनिक

नोटिस में कहा गया है कि आपातकालीन परिस्थितियों के पश्चात भी अनुपस्थित रहना आपकी हठधर्मिता ही नही अपितु शासन प्रशासन एंव प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जारी निर्देश के विपरीत है, यह कृत्य स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है, आपका उक्त कृत्य आपके “कर्तव्य परायणता” व पुर्ण रुप से सनिष्ठ रहने के प्रयुक्ति के विपरीत उदासीन, सुस्त रवैये तथा कर्तव्य के प्रति हल्केपन को प्रदर्शित करता है जो छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-03 (सामान्य) के (दो) सत्य निष्ठा और कर्तव्य परायणता के सर्वथा विपरीत है.  शोकॉज नोटिस में सभी को 3 दिवस के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करे. समय सीमा में या फिर संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने की स्थिति में एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी.

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