जान हथेली पर रखकर गर्भवती को खटिया पर रखकर ,ग्रामीणों ने की उफनाई नदी पार

 

 

जाम नदी रोका था गर्भवती का रास्ता रास्ता

 

हर साल जान जोखिम में डालते है ग्रामीण

 

ग्रामीण बने मदतगार

 

पांढुर्णा :-

 

पांढुर्णा विकासखंड के ग्राम बेलगांव की जाम नदी में बाढ़ होने के बावजूद ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह न करते हुऐ गर्भवती महिला रेवतीबाई कुमरे को उफनाई नदी से पार करने में अहम भूमिका निभाई है दरअसल रेवतीबाई को गर्भवती होंने से उसे पीड़ा होने लगी परिजनों ने उसे ऑटो में रखकर जाम नदी तक पहुचाया गया लेकिन जाम नदी में भयंकर बाढ़ होने से लोगो के होश उड़ गए फिर भी ग्रामीणों ने हिम्मत न हारी और गांव से एक खटिया बुलाकर उस खटिया पर गर्भवती को रखकर सबने कंधे पर रखकर उफनाई नदी पार कर उसे जननी एम्बुलेंस तक पहुचाया तक जाकर उस गर्भवती महिला को पांढुर्णा सरकारी अस्पताल लाया गया जहां महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया है

 

अस्पताल तक पहुचाने में लगा ढाई घँटे का वक्त :-

 

 

गर्भवती महिला को पांढुर्णा सरकारी अस्पताल तक पहुचाने में ढाई घंटे का वक्त लगा हैं तक जाकर नदी पार करने के बाद उसे जननी एक्सप्रेस वाहन से पांढुर्णा सरकारी अस्पताल लाया गया हैं वर्तमान में दोनों जच्चा बच्चा स्वस्थ है

 

 

इस पूरे घटनाक्रम को पूरे ढाई घँटे का वक्त लगा है

 

ग्रामीण बोले साहब एक पुलिया तो बनवा दो…:-

 

आज गर्भवती महिला को एक खटिया में रखकर जाम नदी पार करने का यह पहला मामला नही है बल्कि हर साल यहि स्थिति से बेलगांव के ग्रामीणों को गुजरना पड़ता हैं हालांकि प्रशासन ने इस नदी को पार करने एक रपटा जरूर बनाया गया है लेकिन एक पुलिया नही बना सके जिसके कारण हर साल बारिश के दिनों में ग्रामीणों को इसी तरह से नदी पार करना होता हैं ता की उनको इलाज हो सके

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