छत्तीसगढ़ के पूर्व विधायकों की पेंशन अटकी, सात माह से कर रहे इंतजार
रायपुर
छत्तीसगढ़ के पूर्व विधायकों की पेंशन अटक गई है। राज्य में नई सरकार बनने के सात महीने बाद भी विधायकों की पेंशन की कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है। अब विधायक पेंशन के लिए विधानसभा सचिवालय का चक्कर लगा रहे हैं।
हालांकि विधानसभा की ओर से कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नियंत्रक महालेखपरीक्षक (सीएजी) के पास फाइल अटकने के कारण पूर्व विधायकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराडे ने बताया कि सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है। संभवत अगस्त से पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा।
कोरबा जिला कटघोरा के पूर्व विधायक लखन लाल, रामपुर के श्यामलाल और पाली तनाखार के रामदयाल उइके को पेंशन नहीं मिल रही है। विधायकों ने बताया कि शासन से पत्र भेजा गया है, जिसमे जल्द पेंशन प्रदान करने की बात कही गई है।
बैकुंठपुर की पूर्व विधायक चंपादेवी पावले, भइयालाल राजवाडे व श्यामबिहारी जायसवाल है, जिन्हें पेंशन प्रारंभ नहीं हुई है। रायगढ़ जिले के तीनों पूर्व विधायक रोशन अग्रवाल, सुनीति राठिया व केराबाई को अब तक पेंशन नहीं मिल रहा है। केराबाई प्रदेश की सबसे गरीब विधायकों में से एक थीं।
पिछले चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था। जांजगीर में पूर्व विधायक अंबेश जांगडे, मोतीलाल देवांगन व चुन्नीलाल साहू को भी अब तक पेंशन प्रांरभ नहीं हुआ है। विधायकों ने कहा कि वे सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर चुके हैं। विधानसभा सचिवालय से पूछने पर आश्वासन ही मिलता है। कई विधायकों ने कहा कि पेंशन शुरू नहीं होने पर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पांच साल तक विधायक रहने वालों को 20 हजार स्र्पये पेंशन का प्रावधान है।