छत्तीसगढ़ में हुई बम्पर धान खरीदी, कैबिनेट ने लिया ये अहम फैसला

रायपुर 
राज्य मंत्री मंडल की सोमवार को हुई बैठक में करीब आधा दर्जन अहम निर्णय लिए गए. जिसमें धान खरीदी, स्थानीय उद्योगों से सामान खरीदी, डायवर्सन सरलीकरण प्रमुख रूप से शामिल हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में 31 जनवरी तक होने वाले धान खरीदी और उसके खपत को लेकर राज्य सरकार ने अहम निर्णय लिया है, जिसमें केंद्र सरकार को पत्र लिख चावल के पुल की सीमा 24 लाख से बढ़ाकर 32 लाख मैट्रिक टन करने का आग्रह, कस्टम मीलिंग के बाद शेष चावल के खपत के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास करने सहित पुराने बारदानों से भी धान की खरीदी करना तय किया गया है.

कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने जानकारी देते हुए कहा कि 75 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी का अनुमान था, जो आज दिनांक तक 71 लाख मैट्रिक टन पार हो चुका है. साथ ही यह भी कहा कि धान की आवक देखकर अब अनुमान लगाया जा रहा है कि तय समय सीमा तक 85 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जाएगी.

सोमवार को हुए कैबिनेट की बैठक में धान खरीदी के अलावा स्थानीय उद्योगों से सरकारी जेम (गवर्टमेंट ई मार्केटिंग प्लेस) पोरस्टल के निर्णाम तक सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी, अनुसूची पांच वाले क्षेत्रों में कोरबा जिले को शामिल कर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को छूट देने के निर्णय की मियाद को दो साल के लिए बढ़ाने सहित छोटे भू-खंडों के डायवर्सन के नियम को सरल करने जैसे अहम निर्णय लिए गए.

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के लिए 26 और 28 जनवरी की तारीख खास होने वाली है. क्योंकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर भूपेश बघेल बतौर सीएम पहली बार संबोधित करेंगे और 28 जनवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी प्रदेश के दौरे पर रहेंगे, जिसमें कई घोषणाएं होने की संभावना हैं और कयास ये लगाए जा रहे हैं कि सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित भी कई निर्णय लिए गए हैं.

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