चिलचिलाती गर्मी और रूह अफजा बाजार से गायब

नई दिल्ली

गर्मियों में हर घर हर परिवार की पसंद 'रूह अफजा' इस बार बाजार से गायब है. वर्षों से गर्मी की शुरुआत होते ही टेलीविजन से लेकर तमाम माध्यमों से रूह अफजा का विज्ञापन दिखने लगता था. लेकिन इस बार गर्मी दस्तक दे चुकी है और रूह अफजा की कहीं कोई खबर नहीं है.

दरअसल रूह अफजा का यह मशहूर विज्ञापन आपको याद ही होगा, 'जरा घुलके… जरा मिलके…, ये है इंडिया मेरी जान, जिंदगी का टेस्ट बदलता है, जब इंडिया घुलता-मिलता है. रूह अफजा घुलके जियो'. लेकिन इस बार न तो विज्ञापन दिख रहा है और न ही घर-घर की पसंद रूह अफजा उपलब्ध है.   

खबर है कि रूह अफजा बनाने वाली कंपनी हमदर्द के मालिकों के बीच आपसी विवाद की वजह से प्रोडक्शन पर असर पड़ा है. हालांकि कंपनी इस तरह की खबर को खारिज कर रही है. लेकिन कंपनी कुछ कहे फिलहाल बाजार से रूह अफजा गायब है. दुकानदारों का कहना है कि ऑर्डर के बावजूद कंपनी सप्लाई नहीं कर रही है. ऐसे में असली वजह क्या है ये साफ नहीं हो पाया है.

इस मसले को लेकर जब हमने हमदर्द कंपनी से बात की तो कंपनी का कहना है कि प्लांट में टेक्निकल खराबी की वजह से रूह अफजा का प्रोडक्शन रोक दिया गया था. कंपनी का कहना है कि अगले हफ्ते से बाजार में रूह अफजा फिर ग्राहकों को आसानी से मिलने लगेगा. क्योंकि प्लांट में तेजी से प्रोडक्शन चल रहा है और अगले हफ्ते तक बाजार में उपलब्ध करा दिया जाएगा.

भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी रूह अफजा की काफी मांग है. अब जब कंपनी एक हफ्ते में रूह अफजा आसानी से मिलने की बात कह रही है तो ग्राहकों में एक उम्मीद जगी है.

गौरतलब है कि रूह अफजा का उत्पादन 1906 में हकीम हाफिज अब्दुल माजिद ने शुरू किया था. अब अब्दुल माजिद की तीसरी पीढ़ी यानी उनके पोते कंपनी को संभाल रहे हैं. रूह अफजा के मुकाबले में कई प्रोडक्टस बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन आज भी हर घर की पहली पसंद यही है.

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