घाघरा नदी खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर, लोगों के घरों में घुसा पानी, पलायन शुरू

 करनैलगंज। गोंडा
यूपी में घाघरा नदी ने रौद्र रूप ले लिया है। गोंडा और बाराबंकी जिले में घाघरा के किनारे के गांव जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीण पलायन के लिए मबजूर हैं।  गुरुवार की सुबह गोंडा में घाघरा खतरे के निशान से 17 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया वैसे-वैसे घाघरा का पानी भी लोगों के घरों में घुसता चला गया और देखते ही देखते काशीपुर व मांझा रायपुर के दर्जनों घरों में घाघरा के बाढ़ का पानी प्रवाहित होने लगा। लोग बाग अपने जरूरी सामान व मवेशियों के साथ बांध पर पलायन करने लगे। काशीपुर निवासी कमलेश, अमरेश, मनोज, मुन्नन, कनशू, सुरेंद्र, भोला, संतोषी, रामदीन आदि के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। जिससे नाव के सहारे लोग अपने जरूरी सामान को निकाल कर लोग बांध पर शरण ले रहे हैं।

काशीपुर निवासी मल्लाहन पुरवा के देवशरण के घर में पानी पूरी तरह से चला गया है। घर की महिला ने बताया कि साहब यह तो हर वर्ष की रीत सी बन चुकी है। अब तो हम लोगों का गांव निर्माणाधीन बांध के अंदर आ चुका है तो डूबना तो तय है। बाढ़ के डर से पूत पतोहू पहले ही घर छोड़ कर जा चुके हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं हम लोग घर गिरस्ती छोड़कर कहां चले जाएं। अपने फूस के घर की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि साहब सबको तो कॉलोनी और शौचालय मिला है लेकिन हमको ना तो कॉलोनी मिली और ना ही शौचालय। यही हाल मांझा रायपुर का भी है यहां के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं।

यहां संचालित प्राथमिक विद्यालय मांझा रायपुर का भवन वर्ष 2013 में ही घागरा की भेंट चढ़ गया था तभी से यह स्कूल बांध के निकट पेड़ों के नीचे संचालित किया जा रहा है। यहां के प्रधानाध्यापक विवेक कुमार सिंह बताते हैं की स्कूल में कुल 220 बच्चे एनरोल्ड हैं। विद्यालय भवन न होने के कारण बरसात व धूप में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऊपर से बाढ़ के समय बच्चों का आना खतरे से खाली नहीं रहता।

घाघरा खतरे से 25 सेमी ऊपर, कई घर मुहाने पर
बाराबंकी में  गुरुवार की शाम को नदी खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर बह रही थी। घाघरा का जलस्तर और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। नदी के लागतार बढ़ने के कारण सिरौलीगौसपुर व रामनगर तहसील के दो दर्जन गांव प्रभावित हो चुके हैं।

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