गांधीनगर से जीतकर कालजयी नेताओं की कतार में खड़ा होना चाहते हैं अमित शाह

 अहमदाबाद
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात के गांधीनगर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह महज इसलिए नहीं है कि वे यहां से आसानी से जीत सकते हैं। दरअसल, उन्हें उम्मीद है कि यहां से मिली जीत उन्हें पार्टी के कालजयी नेताओं की कतार में खड़ा कर देगी। जो लोग अमित शाह को जानते हैं उन्हें पता है कि पिछले 23 साल से उन्होंने अपनी मेहनत से इस सीट को बीजेपी के लिए अभेद्य किला बना दिया है। 
उनका कहना है कि अमित शाह ने इस सीट पर बहुत मेहनत की है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं अटल बिहारी बाजपेयी, आडवाणी को थाल में सजाकर यह सीट सौंपी और वे यहां से जीते भी। अब जब अमित शाह खुद यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, तो उम्मीद है कि यहां से मिली जीत पार्टी में उनके बढ़ रहे कद को और चमकदार बनाएगी। 

राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी के कई दिग्गज यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। 1989 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है। तब पार्टी के कद्दावर नेता शंकर सिंह बघेला यहां से जीते थे। 1991 के आम चुनाव में यहां से लाल कृष्ण आडवाणी ने पहली बार जीत दर्ज की। इसके बाद यहां से आडवाणी ने 6 बार जीत हासिल की। 1991 के चुनाव को याद करते हुए दिग्गज नेता शंकर सिंह वघेला कहते हैं कि उस वक्त गांधीनगर से मैं सांसद था। आडवाणी को चुनाव लड़ने के लिए एक सेफ सीट की जरूरत थी। तब मैंने उनके लिए यह सीट छोड़ दी थी। मैं गोधरा से चुनाव लड़ा और आडवाणी गांधीनगर से। 

1996 में जब आडवाणी का नाम हवाला स्कैंडल में आया था तो उन्होंने बेदाग साबित होने तक चुनावी राजनीति से दूर रहने और लोकसभा चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया था। उस वक्त इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी से निवेदन किया गया। उस वक्त वाजपेयी ने लखनऊ के साथ गांधीनगर पर भी विजय का परचम लहराया था। हालांकि बाद में वाजपेयी ने गांधीनगर सीट छोड़ दी थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी के विजयभाई पटेल यहां से जीते। 1998 से आडवाणी यहां से सीटिंग सांसद हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि गांधीनगर सीट बीजेपी का अभेद्य किला है। आडवाणी यहां से 6 बार जीत और हर बार जीत का मार्जिन कम से कम एक लाख वोट रहा है। 

वाजपेयी ने कहा था, गांधीनगर सीट माला सिन्हा के गाल जैसी 
एक बीजेपी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि एक बार आडवाणी से बातचीत के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि गांधीनगर सीट आपके (आडवाणी) लिए माला सिन्हा के गाल की तरह है। जहां से आप आसानी से जीत जाते हैं। बीजेपी नेता का कहना है कि इस सीट को पार्टी के लिए अभेद्य किला बनाने का पूरा क्रेडिट अमित शाह को जाता है। 

1996 से ही गांधीनगर में संयोजक थे अमित शाह 
उन्होंने कहा कि गांधीनगर से चाहे कोई भी जीते, लेकिन असली विजेता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ही हैं। उन्होंने कहा कि शाह 1996 से ही इस लोकसभा सीट पर बतौर संयोजक काम कर रहे हैं। यह शाह ही हैं जिन्होंने इस सीट को बीजेपी नेताओं की जीत के लिए तैयार किया। गांधीनगर लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख रजिस्टर्ड वोटर हैं। इस लोकसभा के अंदर कई महत्वपूर्ण विधानसभा की सीटें हैं। हालांकि गुजरात में पार्टी के भीतर कई तरह के अंतर्कलह हैं। शाह के इस सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा से साफ है कि नेतृत्व का संदेश साफ है कि पार्टी की इस सीट पर खास नजर है। 

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