खतरे में विरासत, चौधरी चरण सिंह के बाद अजित सिंह भी हारे

 मुजफ्फरनगर
 कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है। यह कहावत गुरुवार को मुजफ्फरनगर में भी सटीक साबित हुई। पांच दशक पूर्व 1971 में सारे समीकरण अपने पक्ष में देखकर चौधरी चरण सिंह मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आए थे और जीवन के पहले लोकसभा चुनावों में उन्हें हार मिली थी। ऐसा ही कुछ चौधरी अजित सिंह के साथ हुआ, यहां दंगे में अलग हुए जाट-मुस्लिम समीकरण को भी वह जोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए।
मुजफ्फरनगर सीट से मौजूदा सांसद भाजपा प्रत्याशी संजीव कुमार बालियान ने गठबंधन उम्मीदवार राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख चौधरी अजित सिंह को 6526 मतों से हराया।

यूपी में भाजपा सबसे बड़ा दल, गठबंधन की उम्मीदों पर पानी
अब 2019 में चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह महागठबंधन की ताकत के साथ पूरी व्यूह रचना करके पहली बार मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए आए, लेकिन उनके चक्रव्यूह को भाजपा के संजीव बालियान ने लगभग तोड़ दिया। चौधरी अजित के पिछड़ने से रालोद समेत महागठबंधन दल बसपा और सपा के नेता भी सकते में हैं।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वेस्ट यूपी की राजनीति में बड़ा नाम चौधरी अजित सिंह ने एक साल पहले से ही मुजफ्फरनगर सीट पर चुनाव लड़ने के लिए व्यूह रचना करनी प्रारंभ कर दी थी। वह अपने जीवन के 79 वर्ष पूरे कर 80वां जन्मदिन मनाकर 13 फरवरी 2018 को मुजफ्फरनगर आए थे। यहां पर रात्रि विश्राम कर दो दिन तक कार्यक्रम कर लोगों से सीधा जनसंवाद किया। 

चौधरी अजित सिंह की हार के प्रमुख कारण
-भाजपा को मुजफ्फरनगर में दफन करने के कटाक्ष की प्रतिक्रिया लोगों में रही 
– मुजफ्फरनगर दंगे के बाद राजनीति में बने मुजफ्फरनगर मोड्यूल को नहीं भांप पाएं 
– महागठबंधन के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल की कमी 
-चौधरी अजित सिंह ने जीत सुनिश्चित मानकर जनसंपर्क पर अधिक जोर नहीं दिया 

रोचक जानकारी
– मुजफ्फरनगर में 1971 में अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव हार गए थे चौधरी चरण सिंह 
– 2019 में पिता की सीट पर 48 साल बाद चुनाव लड़ने आए चौधरी अजित को भी मिली हार

बता दें कि 'मोदी लहर' पर सवार उत्तर प्रदेश ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक बार फिर जोरदार समर्थन दिया है। भाजपा ने प्रदेश की 80 में से 62 सीटें जीती हैं। इसके अलावा बसपा ने 10, सपा ने पांच, अपना दल-सोनेलाल ने दो और कांग्रेस ने एक सीट जीती है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक, वाराणसी से प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा-बसपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी सपा की शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार 505 मतों से परास्त किया। मोदी को कुल 674664 मत मिले। वहीं शालिनी को 195159 वोट हासिल हुए। कांग्रेस के अजय राय तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 152548 मत प्राप्त हुए।

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