क्या होते हैं OTP फ्रॉड? इन पांच स्टेप में खुद को ऐसे बचाएं

भारत में डिजिटल पेमेंट को तेजी से बढ़ावा मिला है और पहले मेट्रो सिटीज तक सिमटा पेमेंट का यह तरीका अब देशभर में चलन में है। खासकर पेटीएम और भीम यूपीआई जैसे प्लैटफॉर्म्स आने से यूजर्स ऑनलाइन पेमेंट आसानी से करने लगे हैं। यही वजह है कि डिजिटल पेमेंट से जुड़े फ्रॉड्स और धोखाधड़ी का खतरा बढ़ा है। खासकर जो लोग अभी डिजिटल पेमेंट करना सीख रहे हैं, उन्हें आसानी से धोखा देकर नुकसान पहुंचाया जा सकता है। ऐसे मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग वन टाइम पासवर्ड (OTP) फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि क्या है OTP फ्रॉड और कैसे इससे बचा जा सकता है।

क्या होते हैं ओटीपी फ्रॉड?

ऑनलाइन या डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर पेमेंट करते वक्त यूजर्स की ओर से ही पेमेंट किया जा रहा है, यह कन्फर्म करने के लिए डिवाइस पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आता है। आप ओटीपी डालने के बाद ही पेमेंट कर सकते हैं और यही वजह है कि अपना ओटीपी किसी से न शेयर करने की सलाह दी जाती है। पेमेंट करने वाले नए लोगों से धोखे से ओटीपी पूछकर फ्रॉड करने वाले उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। यह ओटीपी टेक्स्ट मेसेज पर आता है और तय समय तक ही इसे यूज किया जा सकता है। फ्रॉड करने वाले इसकी मदद से बड़ी रकम अकाउंट से गायब कर देते हैं। इन स्टेप्स को फॉलो कर अपना बचाव किया जा सकता है,

किसी को कभी न बताएं अपना ओटीपी

पहला और सबसे जरूरी स्टेप है कि आप किसी से भी पेमेंट के दौरान फोन पर आने वाला वन टाइम पासवर्ड शेयर न करें। कॉल, वॉट्सऐप या ईमेल पर सामने कोई भी हो, भले ही वह खुद के बैंककर्मी होने का दावा करे, आपको ओटीपी शेयर नहीं करना है। बैंक कभी भी अकाउंट होल्डर से ओटीपी नहीं पूछते, ऐसे में झूठ बोलकर कोई आपको फ्रॉड का शिकार बना सकता है।

पेमेंट के वक्त सोर्स और अमाउंट पर रहे नजर

ओटीपी फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है कि जब भी आप कहीं ओटीपी डालने जा रहे हों, तय कर लें कि कितनी रकम आपके अकाउंट से कटने वाली है। साथ ही जिस पेज पर ओटीपी डालना है, उसका सोर्स क्या है और मर्चेंट ट्रस्टेड है या नहीं, इसे समझना भी जरूरी है। अगर सोर्स विश्वसनीय न लगे तो फौरन पेमेंट कैंसल कर दें।

पैसे रिसीव करने के लिए नहीं चाहिए ओटीपी

आपको एक बात हमेशा याद रखनी है कि ओटीपी की जरूरत केवल भुगतान करते वक्त पड़ती है और पैसे रिसीव करने के लिए आपको कोई ओटीपी नहीं चाहिए। कई मामले सामने आए हैं, जिनमें फ्रॉड करने वाला खुद पैसे भेजने की बात कहकर विक्टिम से ओटीपी पूछ लेता है और बदले में उसका ही अकाउंट खाली कर देता है।

स्मार्टफोन पर केवल ऑफिशल ऐप का इस्तेमाल

फ्रॉड करने वाले कई बार स्मार्टफोन ऐप्स की मदद से भी यूजर्स के ओटीपी और कार्ड से जुड़े डीटेल्स चुरा लेते हैं। उदाहरण के लिए, कोई ऐप भले ही टॉर्च या कैल्कुलेटर हो, लेकिन यह आपके डिवाइस का डेटा चुरा सकती है और फ्रॉड करने वाले को भेज सकती है। ऐसे में प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड की गईं ऑफिशल ऐप्स ही इस्तेमाल करें।

ऑफिशल कस्टमर केयर सर्विस नंबर पर करें कॉन्टैक्ट

आपको बैंक अकाउंट या पेमेंट से जुड़ी किसी शिकायत या सुझाव के लिए हमेशा ऑफिशल कस्टमर केयर सर्विस नंबर पर ही कॉल करना चाहिए और ऑफिशल साइट पर ही जाना चाहिए। फ्रॉड करने वाले फेक हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट्स तैयार करके डेटा चुराने की कोशिश करते हैं। कई स्कैमर गूगल मैप्स पर भी फर्जी नंबर ऐड करके लोगों को शिकार बनाने की फिराक में रहते हैं। फेक ऑफर्स के झांसे में भी न आएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *