क्या उमा ने शिवराज को दिया चैलेंज

भोपाल
 भारतीय जनता पार्टी को भोपाल संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी तय करने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। पिछले एक महीने के भीतर भोपाल संसदीय क्षेत्र से आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम चर्चा में रहे हैं। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है। उमा ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी कर पार्टी के भीतर हड़कंप मचा दिया है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को हराने की अघोषित चुनौती भी दी है। बतौर उमा उन्होंने दिग्विजय सिंह को 2003 में ही हरा दिया था, जब तीन चौथाई बहुमत से दिग्विजय को शासन से बेदखल किया था।

उमा भारती ने भोपाल सीट के लिए दावेदारों के नाम को लेकर चल रही ऊहापोह के बीच कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को कोई भी भाजपा नेता हरा सकता है। उमा के अनुसार आलोक संजर को फिर से टिकट मिलता है तो वे भी कांग्रेस को हरा देंगे। साथ ही कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, आलोक शर्मा, भगवान दास सबनानी और विश्वास सारंग भी दिग्विजय को हराने का माद्दा रखते हैं। उमा का फोकस भोपाल लोकसभा सीट से शिवराज को चुनाव मैदान में उतारने पर है। हालांकि उन्होंने लिखा है कि भोपाल में उम्मीदवार तय करने का अधिकार उनके पास नहीं है। लेकिन दिग्विजय को हराना बिल्कुल भी कठिन नहीं है।

निशाने पर शिवराज

भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा के बड़े नेता चुनाव लडऩे से पीछे हट रहे हैं। पहले नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम भी भोपाल से चला, लेकिन उन्होंने हाईकमान के सामने मुरैना से ही चुनाव लडऩे को कहा। यूं तो उमा भारती ने कई नेताओं के नाम गिनाए हैं, लेकिन उनके निशाने पर शिवराज सिंह चौहान ही हैं। उन्होंने लिखा कि शिवराज 13 साल तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। बहुत बड़े नेता हैं, वह तो दिग्विजय को हरा ही देंगे। इस संबंध में मेरा योगदान 2003 में ही पूरा हो चुका है। जब दिग्विजय सिंह को तीन चौथाई बहुमत से 2003 में ही शासन से बेदखल कर चुकी हूं। मेरा तो रोल ही पूरा हो चुका है। वैसे हराने जिताने में जनता का ही रोल होता है। नेताओं को घमंड नहीं पालना चाहिए।

उमा के तर्क

उमा भारती ने तर्क देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू को भाजपा के लक्ष्मीनारायण पांडे ने विधानसभा चुनाव हराया था। पूर्व मुख्यमंत्री पीसी सेठी को सुमित्रा महाजन ने 1989 में लोकसभा चुनाव हराया था। इतना ही नहीं सतना में सुखलाल कुशवाह ने एवं होशंगाबाद में सरताज सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को चुनाव हराया था। ऐसे में भोपाल से भाजपा का कोई भी नेता दिग्विजय को चुनाव हरा देगा।

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