कोर्ट ने माल्या की ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ दलील को बताया काल्पनिक

नई दिल्ली  
सरकारी बैंकों का हजारों करोड़ रुपये लेकर भागे पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या ने दलील दी थी कि सरकार उसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' की वजह से ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करना चाहती है। लेकिन कोर्ट ने इसे काल्पनिक और झूठी कहानी बताया है। 

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट के स्पेशल जज एमएस आजमी ने 5 जनवरी को माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। जज का यह आदेश शनिवार को मीडिया को मिला। माल्या पर सरकारी बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। 

जज ने कहा, 'केवल यह बयान कि भारत सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उसके खिलाफ आपराधिक जांच और प्रक्रिया शुरू की है, लंदन में रहने देने का आधार नहीं हो सकता।' इन बयानों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। जज ने आगे कहा कि यह दलील खुद को कानून का पालन करने वाला नागरिक दिखाने के लिए सिर्फ काल्पनिक कहानी है। 

कोर्ट ने कहा कि माल्या ने 2 मार्च 2016 को देश छोड़ा और उस दिन CBI और ED ने केस दर्ज किया। माल्या ने दावा किया है कि वह जिनेवा में मोटर स्पोर्ट्स मीटिंग में हिस्सा लेने निकला था। 

जज ने कहा, 'यदि वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में हिस्सा लेने गया था और कानून का पालन करने वाला नागरिक होता तो अथॉरिटीज को भारत लौटने के शेड्यूल के बारे में जानकारी दी होती।' 
 

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