कोरोना से मरे शख्स को दफनाने या जलाने से नहीं फैलता वायरस, ममता सरकार की एडवायजरी
नई दिल्ली
कोविड-19 से मरे व्यक्ति के शवों को दफनाने (कब्रिस्तान) या जलाने (श्मशान घाट) वाली जगहों पर कोरोना वायरस के फैलने की कोई संभावना नहीं है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल की सरकार ने जनता और राज्य अधिकारियों को जारी एक परामर्श (एडवायजरी) में यह बात कही। दरअसल जिस स्थान पर शवदाह किया जाता था, उसके नजदीक रहनेवालों ने इस बात को लेकर काफी विरोध और हंगामा किया था, जिसके बाद ममता सरकार ने यह एडवायजरी जारी की है।ऐसे ही एक मामले में, स्थानीय निवासियों ने राज्य में कोरोना संक्रमण से मरे पहले व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने जा रहे सरकारी अधिकारियों का रास्त रोक दिया था। ऐसा ही विरोध कई और जगहों पर भी देखने को मिला था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में अबतक कोरोना वायरस की वजह से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को रेखांकित करते हुए पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी में कहा कि कोविड-19 की वजह से मरे व्यक्ति के शरीर से दूसरों में संक्रमण फैलने का अबतक कोई भी ठोस प्रमाण नहीं मिला है। एडवायजरी में साफतौर पर यह बताया गया है कि कोविड-19 के फैलने का अहम जरिया छोटे-छोटे कण हैं। इस वायरस से मरे व्यक्ति के शरीर से संक्रमण का कोई भी खतरा स्वास्थ्यकर्मियों, परिवार के सदस्यों या फिर स्थानीय नागरिकों को नहीं है, बशर्ते वह मृत शरीर को तय मानकों के मुताबिक संभालें।