कोरोना वैक्सीन के लिए 15 अगस्त की डेडलाइन पर विशेषज्ञ बोले- धूमिल हुई ICMR की छवि

 नई दिल्ली 
आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलरान भार्गव ने दो जुलाई को प्रमुख शेधकर्ताओं को कोरोना वायरस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है ताकि 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन विश्व को पहला कोरोना वैक्सीन दिया जा सके। देश के कुछ वरिष्ठ वैज्ञानिकों, सरकारी अधिकारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आदेश से आईसीएमआर की विश्वसनीयत धूमिल हुई है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व सचिव के सुजाता राव ने कहा, 'महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है, लेकिन टीका की सुरक्षा और प्रभाव की कीमत पर नहीं। मैं यह मानना चाहूंगा कि यह 2021 के बजाय 2020 तक वैक्सीन तैयार करने की बात कहना एक टाइपिंग मिस्टेक है। अगर ऐसा नहीं है तो यग गंभीर मामला है, क्योंकि प्रस्तावित कोरोना 15 अगस्त तक अधूरे डाटा के जरिए तैयार हो सकती है। इसके लिए कोई और रास्ता नहीं है।'

Covaxin वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण करने वाले 12 अस्पतालों के प्रमुखों को डॉ. भार्गव ने चिट्ठी लिखकर 7 जुलाई तक मानव परीक्षण करने के लिए कह है। ऐसा नहीं करने पर इसे आदेश की अवेहलना के तौर पर देखा जाएगा।

विषाणु रोग विशेषज्ञ और वेलकम न्यास/ डीबीटी इंडिया अलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शाहिद जमील ने कहा, अगर चीजें दोषमुक्त तरीके से की जा जाए तो टीके का परीक्षण खासतौर पर प्रतिरक्षाजनत्व और प्रभाव जांचने के लिए चार हफ्ते में यह संभव नहीं है। 

विषाणु वैज्ञानिक उपासना राय ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लांच की प्रक्रिया को गति देना या जल्द लांच करने का वादा करना प्रशंसा के योग्य है, लेकिन यह सवाल महत्वपूर्ण है कि क्या हम बहुत ज्यादा जल्दबाजी कर रहे हैं। सीआईएसआर-आईआईसीबी कोलकाता में वरिष्ठ वैज्ञानिक रे ने कहा, हमें सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता देना नितांत आवश्यक है। 

रे ने कहा, कैसे इतनी छोटी से अवधि निर्धारित की जा सकती है? कहां से यह सबूत मिला कि इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए यह अवधि पर्याप्त है? संभावित टीके की सुरक्षा और प्रभाव का क्या जो किसी भी दवा के विकसित करने का मौलिक चरण है? क्या प्री-क्लिनिकल अध्ययन भी पूरा किया गया? बहुत जल्दबाजी करने से खतरा पैदा हो सकता है।

मालूम हो कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला टीका 15 अगस्त तक बाजार में उतारने की घोषणा की जिसे लेकर उम्मीद के साथ आशंकाए भी हैं। 

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