केजरीवाल, सिसोदिया और योगेंद्र के खिलाफ गैर जमानती वारंट पर लगी रोक

नई दिल्ली
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के खिलाफ मंगलवार जारी किए गए गैर जमानती वारंट पर फिलहाल राउज एवेन्यू कोर्ट ने रोक लगा दी है. वकील सुरेन्द्र शर्मा द्वारा तीनों पर किए गए मानहानि मामले में पेश न होने की वजह से कोर्ट ने ये वारंट जारी किया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए थे, लेकिन जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तीनों में से कोई भी कोर्ट नहीं पहुंचा. इतना ही नहीं तीनों आरोपियों की तरफ से उनके वकील भी कोर्ट में मौजूद नहीं थे. इससे कोर्ट इतना नाराज हुआ कि मुख्यमंत्री समेत तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.

वकीलों की अपील पर कोर्ट ने लगाई रोक

राउज एवेन्यू कोर्ट के जज समर विशाल द्वारा गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद आनन-फानन में मुख्यमंत्री और बाकी आरोपियों के वकील कोर्ट में पहुंचे और कोर्ट से अपील की कि वारंट को खारिज कर दिया जाए. वकीलों की तरफ से कोर्ट में गुहार लगाई गई कि दिल्ली में पार्टी के नेता नॉमिनेशन की प्रक्रिया में व्यस्त हैं और इसी वजह से कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हो पाया है. कोर्ट ने वारंट खारिज करते हुए फिलहाल इस पर रोक लगा दी है. 29 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी.
क्या है मामला

सुरेन्द्र शर्मा ने केजरीवाल, मनीष और योगेंद्र के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था. क्योंकि सुरेन्द्र शर्मा को आम आदमी पार्टी से विधानसभा का टिकट का वादा किया गया था, लेकिन फिर बाद में टिकट काट दिया गया था. टिकट काटने के बाद तीनों नेताओं ने सुरेन्द्र शर्मा के खिलाफ बयान दिया था कि वो आपराधिक पृष्ठभूमि से है, इसलिए टिकट काटा गया. जबकि सुरेंद्र शर्मा का कहना था कि टिकट काटने के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत छवि को भी धूमिल करने के लिए इस तरह की बयानबाजी आप नेताओं के द्वारा की गई.

सुरेंद्र शर्मा ने अपनी मानहानि की याचिका में बताया है कि पार्टी से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने इस बात का प्रचार कोर्ट परिसर से लेकर अपने इलाके तक में कर दिया था कि उनको टिकट मिल रहा है और बतौर विधायक वह चुनाव लड़ने वाले हैं. सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि इस पर उन्होंने काफी पैसा भी खर्च किया, लेकिन बाद में टिकट काटे जाने के बाद ना सिर्फ पार्टी ने उनको अपमानित किया, बल्कि जिस तरह की बयानबाजी हुई. उससे उनकी व्यक्तिगत छवि भी धूमिल की गई.

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