केंद्र का बड़ा दांव, सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण

नई दिल्ली

        
लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया है कि अब सवर्ण जातियों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. ये आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दिया जाएगा. बता दें कि 2018 में SC/ST एक्ट को लेकर जिस तरह मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था, उससे सवर्ण खासा नाराज बताया जा रहा था.

माना जा रहा है कि मंगलवार को मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है. बता दें कि मंगलवार को ही संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है.

किन्हें मिलेगा लाभ?

जिस व्यक्ति के पास तय सीमा से अधिक संपत्ति होगी, उसे इस संशोधन का लाभ नहीं मिल पाएगा. सूत्रों की मानें तो ये आरक्षण 8 लाख सालाना आमदनी और 5 एकड़ से कम जमीन वाले सवर्णों को मिल सकता है. इसके अलावा जिनके पास सरकारी जमीन (DDA, निगम की जमीन) पर अपना मकान होगा, उन्हें भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा.

इन सभी को मिलेगा लाभ

> जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो

> जिनके पास 5 लाख से कम की खेती की जमीन हो

> जिनके पास 1000 स्क्वायर फीट से कम का घर हो

> जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो

> जिनके पास 209 गज से कम की निगम की गैर-अधिसूचित जमीन हो

> जो अभी तक किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते थे

संविधान में करना होगा बदलाव

आपको बता दें कि मोदी सरकार ये आरक्षण आर्थिक आधार पर ला रही है, जिसकी अभी संविधान में व्यवस्था नहीं है. संविधान में जाति के आधार पर आरक्षण की बात कही गई है, ऐसे में सरकार को इसको लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा. सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से जोड़ते हुए देखा जा रहा है.

सरकार इसके लिए जल्द ही संविधान में बदलाव करेगी. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव किया जाएगा. दोनों अनुच्छेद में बदलाव कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा.

बीजेपी से नाराज थे सवर्ण!

आपको बता दें कि पिछले साल जब सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में बदलाव करने का आदेश दिया था, तब देशभर में दलितों ने काफी प्रदर्शन किया था. जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सुुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया था. माना जा रहा था कि मोदी सरकार के इस फैसले से सवर्ण काफी नाराज हो गए हैं. दलितों के बंद के बाद सवर्णों ने भी भारत बंद का आह्वान किया था.

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. यहां पढ़ें सभी राजनीतिक दलों, नेताओं की प्रतिक्रियाएं…

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