किसानों की लड़ाईलड़ेंगे शिवराज, आंदोलन की तैयारी में जुटे

भोपाल
 प्रदेश में कर्जमाफी और फसल नुकसान का किसानों को मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार के खिलाफ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं। उन्होंने कर्जमाफी के नाम पर सरकार पर किसानों के साथ छलावा करने के आरोप लगाए हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी कर्जमाफी पर सरकार की घेराबंदी की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कर्जमाफी को लेकर किसानों को पत्र लिखे जाने पर शिवराज और भार्गव ने सवाल उठाए हैं। हालांकि मप्र भाजपा किसानों के मुद्दे से अभी तक दूरी बनाए हुए हैं।

अब एमपी पर होगा फोकस

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी तक सदस्यता अभियान के तहत देश भर में प्रवास कर रहे थे। सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद वे अब ज्यादातर समय मप्र में देंगे। जल्द ही वे बाढ़ प्रभावित और अति बारिश वाले जिलों का दौरा करेंगे। वहां किसानों से मिलेंगे। शिवराज ने कहा कि उनके पास किसान आ रहे हैं और उनकी शिकायत है कि सरकार फसल नुकसान का सर्वे नहीं करा रही है। वे जल्द ही प्रदेश के प्रभावित जिलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। यहां बता दें कि शिवराज से मप्र भाजपा ने दूरी बना ली है। अभी तक शिवराज ने जितने भी आंदोलन और प्रदर्शन किए हैं, वे शिवराज ने अपने स्तर पर किए हैं। प्रदेश भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों ने शिवराज के इन आंदोलनों से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी है।

चिट्ठी लिखने से कुछ नहीं होगा

शिवराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री किसानों को चिट्ठी नहीं चाहिए, किसानों को कर्ज माफी चाहिए। कब से किसान इंतजार कर रहा है। पता नहीं चिट्ठी में क्या-क्या लिख रहे हैं कि एक या अधिक बैंकों का कर्जा है तो उनकी जांच की जाएगी। चिट्ठी लिखने से कुछ नहीं होगा। सीधे-सीधे किसानों का कर्जा माफ करो, तभी किसान संतुष्ट होगा।

किसानों को भ्रमित मत करो: भार्गव

नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि किसानों को कर्जमाफी का सपना दिखा कर सत्ता हासिल करने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ अब किसानों के नाम चिट्ठी लिखकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। किसानों को कर्जमाफी के नए नए प्रस्ताव और गोलमोल जवाब दे कर प्रदेश सरकार समय काटने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री को किसानों को चिट्ठी लिखने के बजाय 8 माह से  लगातार झूठ बोलने के लिए माफ़ीनामा लिखना चाहिए।

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