किडनी कांड में SIT का खुलासा, खुद को डॉक्टर बताकर डोनर्स को फंसाता था केतन

कानपुर 
उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मानव अंगों की खरीद-फरोख्त करने वालों पर एसआईटी ने शिकंजा कसा है. एसआईटी ने अपनी जांच में अहम खुलासा किया है. जांच अधिकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी केतन कौशिक है जो दिल्ली के नामी साकेत अस्पताल के पास मेडिकल स्टोर का संचालन करता है. शुरुआती जांच में केतन कौशिक के डॉक्टर होने की जानकारी थी. वहीं खुद को डॉक्टर बनकर किडनी डोनर्स को फंसाता था मुख्य आरोपी केतन कौशिक. इससे पहले कानपुर पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि दिल्ली ,नोएडा समेत कलकत्ता के नामी अस्पतालों के बड़े डॉक्टर एसआईटी के रडार पर है.

मरीज के परिजनों से प्रति किडनी 25-30 लाख रुपये और लिवर के हिस्सों के बदले 70-80 लाख तक लेने वाले ये शातिर अंगदान करने वाले गरीबों को महज तीन लाख रुपये देते थे. खुलासे में यह भी मालूम हुआ है कि गैंग के सहयोग से देश के कई बड़े नामचीन हॉस्पिटल व नर्सिंग होम के डॉक्टर भी शामिल हैं. जिनके सहयोग से इंसानी शरीर के अंगों को निकालने व उसके ट्रांसप्लांट का काम किया जाता था. कानपुर पुलिस ने खुलासे के बाद अपनी जांच तेज कर दी है.

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