कानपुर शूटआउट अपडेट : मुठभेड़ जारी, पुलिस ने एक बदमाश को मार गिराया

 कानपुर 
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कानपुर के चौबेपुर स्थित गांव बिकरू से चार किलोमीटर आगे काशीराम निवादा गांव में पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ जारी। इस एनकाउंटर में पुलिस ने एक बदमाश को मार गिराया है। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया और बदमाश भी गांव में छिपे हैं, पुलिस और एसटीएफ की टीम बदमाशों से मोर्चा ले रही है। अभी एक बदमाश को पुलिस ने मार गिराया।

इससे पहले गुरुवार देर रात कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग हो गई। इस फायरिंग में बिल्हौर सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र, शिवराजपुर एसओ महेश यादव समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इनके अलावा चार पुलिसकर्मी और गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कानपुर में हुई इस बड़ी घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं। सीएम योगी डीजीपी और अपर मुख्य सचव गृह से लगातार बात कर रही हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएम ने इस मामले में तुंरत रिपोर्ट मंगवाई है। वहीं, सीएम ने इस मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी है।  

मुठभेड़ में इन पुलिसकर्मियों की हुई मौत

वेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर
महेश यादव, एसओ शिवराजपुर
अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना
नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर
राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर
बबलू कांस्टेबल बिठूर
विकास ने अपने भाई को मारने की साजिश जेल में बैठकर रची थी
वर्ष 2018 में विकास दुबे नें अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। उसने माती जेल में बैठकर पूरे साजिश रची थी। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के चारों राजनीतिक दलों में पकड़ है। 2002 के जब मायावती सूबेकी मुख्यमंत्री थीं तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था। इस दौरान इसने जमीनों पर अवैध के साथ और गैर कानूनी तरीके से संपत्ति बनाई। जेल में रहने केदौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत गया। बसपा सरकार के एक कद्दावर नेता से इसकी करीबी जगजाहिर थी। इस दौरान विकास ने अपना खुद का एक बड़ा गैंग खड़ा कर लिया था। इसके ऊपर 60 से से ज्यादा मामले दर्ज हैं जो डीटू गैंग के सरगना मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा हैं।

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