कांग्रेस ने चल दिया प्रियंका नाम का आखिरी ‘इक्का’, सामने हैं ये तीन बड़ी चुनौतियां

 
नई दिल्ली        

उत्तर प्रदेश में असली जंग छिड़ चुकी है. प्रियंका गांधी के रोड शो को लेकर सारे अनुमान अब हकीकत की कसौटी पर हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधियो को उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाने के इरादे से भेजा है. लेकिन सवाल पूछे जा रहे हैं कि प्रियंका के नाम का इक्का भी न चला तो?

मतभेद भुलाकर एक छत के नीचे आने के बारे में तो सुना होगा आपने, लेकिन राजनीति का चक्का जब जेठ की दोपहरी से अमावस के नेपथ्य में चला जाता है तो नेताओं को एक छत के नीचे नहीं, एक बस के ऊपर आना पड़ता है.

प्रियंका गांधी वाड्रा का वाजिद अली शाह के शहर में कुछ यूं स्वागत हुआ कि हवाई अड्डे से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक जिस तरह से लोग उमड़े, उसका अंदाजा उत्तर प्रदेश में 7 फीसद वोट पाने वाली कांग्रेस को भी न रहा होगा.  इसी उत्साह में राहुल गांधी ने वो बात कह दी जिस पर राजनीति के प्रेक्षक सिर्फ मुस्कुरा सकते हैं.

राहुल ने कहा कि मैंने प्रियंका और सिंधिया जी को यहां का जनरल सेक्रेटरी बनाया है. मैंने उनको कहा है कि उत्तर प्रदेश में जो सालों से अन्याय हो रहा है उसके खिलाफ लड़ना है और यूपी में न्यायवाली सरकार लानी है. इनका लक्ष्य लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने का भी है.

मतलब प्रियंका गांधी राहुल गांधी के लिए तुरुप का इक्का हैं, यानि आखिरी पत्ता जिसके बाद कुछ नहीं. लेकिन राजनीति में असंभव की साधना का प्रसाद वही नहीं होता जो मांगा जाता है. कई बार उसे समझा जाता है. ऐसे में सवाल है कि प्रियंका गांधी क्या असलियत को समझ रही हैं.

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