कांग्रेस के 3 असंतुष्ट विधायकों की उम्मीद में बीजेपी, अभी भी खत्म नहीं हुआ कर्नाटक का नाटक

 
बेंगलुरु 

कर्नाटक की सियासत के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास है। बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' के मुरझाने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस के विधायक दल की बैठक होनी है। अपने असंतुष्ट विधायकों को मनाने के प्रयास के तहत कांग्रेस की यह बैठक काफी मायने रखती है। बता दें कि कांग्रेस के 3 विधायक अभी भी असंतुष्ट हैं और मुंबई के होटेल में ठहरे हुए हैं। ऐसे में बीजेपी की उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं।  
 
वहीं, सूत्रों के मुताबिक राज्य बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार समेत 12 विधायक बेंगलुरु लौट आए हैं। कहा तो ये जा रहा है कि वे तुमकुर में सिद्दगंगा के प्रतिष्ठित लिंगायत मठ प्रमुख श्री शिवकुमार स्वामी को देखने पहुंचे हैं। मठ प्रमुख बीमार हैं। लेकिन उनके लौटने के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। वहीं हरियाणा में एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए कर्नाटक के बीजेपी विधायक भी शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद तय करेंगे कि वे अपने राज्य कब लौटें। करीब 75 बीजेपी विधायक गुड़गांव के रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं। 

विधायक दल की बैठक में कांग्रेस उन असंतुष्ट विधायकों से बात करेगी जो बीजेपी के हाथ मिलाकर कुमारस्वामी की 7 महीने की सरकार गिराने के प्रयास में हैं। यह बैठक विधान सौधा में होगी। अगर ये 10 विधायक वापस कांग्रेस के खेमे में नहीं आते हैं तो ऐसी आशंका है कि बीजेपी का ऑपरेशन जारी रहेगा। कुछ बीजेपी नेताओं को कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली, महेश कुमातल्ली और उमेश जाधव से उम्मीद बंधी है जो अभी भी मुंबई के होटेल में ठहरे हुए हैं। 
 
कर्नाटक लौटे नाराज विधायक 
दूसरी ओर कांग्रेस के नाराज विधायक शिवाराम हेबर और जेएन गणेश कर्नाटक वापस लौट गए हैं। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव से मिलकर हेबर ने कहा कि वह अपने पोते-पोतियों के साथ अंडमान-निकोबार गए हुए थे। उन्होंने कहा, 'यह एक पूर्व नियोजित ट्रिप थी और यह सिर्फ संयोग मात्र है कि मैं उस वक्त यहां नहीं था जब राज्य में पॉलिटिकल ड्रामा चल रहा था।' हालांकि हेबर ने यह भी माना कि वह कांग्रेस के नेताओं से नाराज हैं। उन्होंने कहा, 'कैबिनेट पद न मिलने की वजह से मुझे निराशा हुई थी लेकिन मैं पार्टी में रहते हुए ही इसके लिए लड़ूंगा।' 

विधायकों ने जताया कांग्रेस पर भरोसा 
विधायक जेएन गणेश ने भी कहा कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। पहली बार के विधायक गणेश ने कहा, 'मैं मुंबई या कहीं और नहीं गया था। मैं चिकमंगलुरू में अपने परिवार और दोस्तों के साथ था।' बेल्लारी जिले के बी नागेंद्र ने भी कांग्रेस के प्रति निष्ठा जाहिर की लेकिन यह भी कहा कि वह शायद कांग्रेस की बैठक में शामिल न हो क्योंकि उन्हें केस के सिलसिले में कोर्ट जाना है। उनके अलावा बेल्लारी से एक और विधायक आनंद सिंह ने मीटिंग में शामिल होने की बात कही। 
 
सिद्धा की चेतावनी 
वहीं विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जो भी विधायक बैठक में अनुपस्थित रहेगा, उनके खिलाफ संविधान की अनुसूची 10 (दलबदल विरोधी कानून) के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इससे कुछ खास फायदा होने वाला नहीं है। पूर्व ऐडवोकेट जनरल बीवी आचार्य ने कहा, 'दलबदल विरोधी कानून के तहत कोई भी विधायक दो परिस्थितियों में ही अयोग्य घोषित हो सकता है- पहला, अगर वह खुद ही पार्टी की सदस्यता लौटा दे और दूसरा, अगर कोई सदस्य सदन में जारी विप के खिलाफ वोट करता है।' 
 

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