कश्मीर में बंद हो रही थी MNC, सरकार बोली- हम देंगे सैलरी

श्रीनगर
अनुच्छेद 370 हटाने के बाद घाटी में लोगों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में एक मल्टिनैशनल कंपनी ने नुकसान के चलते अपने 70 कर्मचारियों को नोटिस दे दिया। इन लोगों पर नौकरी जाने की तलवार लटकती देख कश्मीर प्रशासन मदद के लिए आगे आया।

ऐजिस (AEGIS) नाम की मल्टिनैशनल कंपनी, जो कस्टमर एक्सपीरियंस मैनेजमेंट मुहैया कराने वाली बिजनस सर्विस प्रोवाइडर है, ने अपना श्रीनगर स्थित बीपीओ बंद करने का फैसला लिया। इसके साथ ही 70 कर्मचारियों को भी नोटिस जारी कर दिया गया। घाटी में ज्यादातर बिजनस 5 अगस्त के बाद बंद हुए हैं, जब जम्मू-कश्मीर राज्य को पुनर्गठित कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया।

पाकिस्तान की तरफ से आतंकी खतरों को देखते हुए सरकार ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए, इसमें लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी शामिल है। साथ ही मोबाइल फोन और इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। नतीजे के तौर पर ऐजिस के एकमात्र क्लाइंट वोडाफोन के कॉल 1 लाख से घटकर 10 हजार पर आ गए।

शुक्रवार को ऐजिस ने अपने 70 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर नौकरी खत्म करने का ऐलान किया। इस खबर के बाद कश्मीर प्रशासन, डीसी श्रीनगर डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी ने मामले में हस्तक्षेप किया। शनिवार को वह ऐजिस के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिले और उन्हें तीन महीने का बेलआउट देने का प्रस्ताव दिया। चौधरी ने बताया कि गवर्नर सत्यपाल सिंह मलिक ने सभी कर्मचारियों के लिए 3 महीने के वेतन की व्यवस्था करने का ऐलान किया है।

बता दें कि श्रीनगर के डीसी डॉक्टर शाहिद इकबाल चौधरी को घाटी में आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के तौर पर जाना जाता है। बांदीपोरा में डीसी रहने के दौरान चौधरी ने राज्य का पहला बीपीओ सेटअप करने में काफी मदद की थी। खास बात है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बीपीओ का शुभारंभ किया था। बांदीपोरा के मॉडल से प्रभावित होकर ही पीएम मोदी ने अन्य 21 जिलों में भी इस मॉडल पर काम करने का ऐलान किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने फंड जारी कर सभी जिलों में ऐसे बीपीओ बनाने का ऐलान किया।

कश्मीर में बिजनस के जानकारों का मानना है कि घाटी में अंग्रेजी बोलने वाले युवाओं की संख्या काफी है, ऐसे में यहां आईटी सेक्टर को काफी बढ़ावा मिल सकता है। अक्टूबर में होने वाले राज्य के पहले इन्वेस्टर समिट में बीपीओ में निवेश बढ़ाने की बड़ी योजना है।

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