कर्नाटक संकट के पीछे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का सत्ता संघर्ष?

बेंगलुरु 
कर्नाटक में बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस के जरिए कांग्रेस नेताओं को चौंका दिया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है क्योंकि माना जा रहा है कि संकट के पीछे पार्टी के ही वरिष्ठ नेता जिम्मेदार हैं। सूत्रों के मुताबिक संकट को सुलझाने का श्रेय मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने खुद आगे आकर हालात से जूझते हुए असंतुष्ट विधायकों से बात की।  

 'चूंकि यह गठबंधन सरकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की वजह से बनी है, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ ही बीजेपी के जाल में फंसे कांग्रेस विधायकों के संपर्क में थे। यही वजह है कि हालात को लेकर वह निश्चिंत थे।' सूत्रों के मुताबिक तीन दिन तक चले संकट की सबसे बड़ी वजह कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और पार्टी के अंदर संकटमोचक की छवि वाले जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रहा सत्ता संघर्ष है। कैबिनेट के अलावा बोर्डों और कॉर्पोरेशन में पदों को लेकर दोनों के बीच अनबन चल रही है, जिसका बीजेपी ने फायदा उठाने की कोशिश की। 

एक मंत्री ने कहा, 'बीजेपी इस संकट को भड़काने की असली जिम्मेदार नहीं है। उसे एक अवसर नजर आया और उसने हालात के मुताबिक प्रतिक्रिया दी।' वहीं, डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर ने भी माना है कि संकट के लिए कांग्रेस को कुछ हद तक दोष दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'मैं इससे इनकार नहीं करता हूं। जिन लोगों की कैबिनेट में शामिल होने की इच्छा थी या मंत्री बनना चाहते थे, उन्होंने अपनी भावना का अलग-अलग तरीके से इजहार किया था। लेकिन कुछ समय बाद यह भावना दब गई और उन्हें एहसास हुआ सभी लोग मंत्री नहीं बन सकते। हम उन्हें अन्य संभव तरीकों से समायोजित करने की कोशिश करेंगे।' 

परमेश्वर ने कांग्रेस की ओर से कुमारस्वामी द्वारा मध्यस्थ की भूमिका को सही ठहराते हुए कहा, 'वह किसी पार्टी के नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री हैं। निश्चित रूप से वह विधायकों के संपर्क में थे और उनसे बात की।' 

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