कमलनाथ के इन मंत्रियों के दिलों पर ‘महाराज’ का राज

ग्वालियर
किसी भी सरकार का मंत्री एक जनसेवक होता है और उसकी निष्ठा जनता के प्रति होनी चाहिए लेकिन ग्वालियर जिले की निष्ठा जनता से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति है और वे इसका प्रदर्शन बार बार करते भी हैं। इतना ही नहीं कार्यकर्ता से मंत्री बने ये तीनों नेता अपने निकट सम्बन्धियों से घिरे रहने लगे हैं कोई सामान्य कार्यकर्ता इनके पास तक सीधे नहीं पहुँच पा रहा। मंत्रियों की ऐसी निष्ठा चर्चा का विषय बनी हुई है|  

प्रदेश की कमलनाथ सरकार में ये तीन मंत्री हैं , खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और पशुपालन मंत्री लाखन सिंह। ये तीनों सिंधिया गुट के नेता हैं। इनको टिकट दिलाने से लेकर जीत दिलवाने में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बहुत बड़ा योगदान है। सिंधिया की सिफारिश के कारण ही तीनों को मंत्री पद भी मिला है, तीनों मंत्री ये बखूबी जानते भी हैं, इन लोगों का शायद ही कोई भाषण ऐसा होगा जिसमें इन लोगों ने सांसद सिंधिया के  नाम से पहले श्रीमंत लगाकर उनकी प्रशंसा ना की हो।  शपथ लेने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी कह चुकी हैं सिंधिया हमारे नेता नहीं भगवान हैं। उसके बाद उन्होंने ग्वालियर में पिछले दिनों कहा कि सिंधिया जी यदि झाड़ू भी दे देंगे तो वो झाड़ू भी लगा लेंगी।  वहीं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी कह चुके हैं कि उन्हें ये कुर्सी सिंधिया जी के आशीर्वाद से जनता की सेवा करने के लिए मिली है।  मंत्री लाखन सिंह भी सांसद सिंधिया की तारीफ करते नहीं थकते। इससे स्पष्ट है कि इन मंत्रियों की निष्ठा जनता के प्रति कम सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति अधिक है| वहीं विरोधी इस बात को कहने से नहीं चूकते कि उन्हें ये याद रखना होगा कि उन्हें अकेले सिंधिया के आशीर्वाद ने नहीं जनता के वोटों ने विधानसभा में पहुंचाया है और तभी वो मंत्री बन पाए हैं।  

मंत्री बनने के बाद इनके समर्थकों की संख्या में अचानक से वृद्धि हो गयी है । उनके साथ भीड़ में चलने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। और हर कार्यकर्ता उनसे नजदीकी बढ़ाना चाहते है, लेकिन ये मंत्री हैं कि अपने निकट सम्बन्धियों के घेरे में ही रहते हैं। प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ उनके बड़े भाई देवेंद्र तोमर रहते हैं, लाखन सिंह के साथ उनके भतीजे संजय यादव रहते हैं तो इमरती देवी के साथ ग्रामीण जिला अध्यक्ष मोहन सिंह राठोर साये की तरह रहते हैं। जिसके चलते बहुत से कार्यकर्ता इन मंत्रियों के पास नहीं पहुँच पाते, कार्यकर्ताओं की तरफ से अभी से इस तरह की शिकायतें आने लगीं हैं। इन मंत्रियों को ध्यान रखना होगा कि जनता के वोटों के साथ साथ इन जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही उनकी जीत संभव हो सकी है। इसलिए इनकी नाराजी मोल लेना ठीक नहीं है। 

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