ऐसी अजीबोगरीब और खतरनाक जगहों पर भी रहते हैं लोग, जानकर नहीं होगा यकीन!

दुनिया में ऐसी कई अजीबोगरीब जगहें हैं, जहां रहना तो दूर, इंसान का जाना भी बेहद मुश्किल होता है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही अजीबोगरीब जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आपको ये विश्वास हो जाएगा कि चाहे कितनी भी खतरनाक जगह क्यों न हो, इंसान किसी भी जगह को अपना निवास स्थान बना सकता है।

समुद्र में जिस जगह पर ये घर बना है, उस पर किसी भी देश का अधिकार नहीं है। ये जगह रहने के लिए बेहद ही अजीब है। कुछ लोगों ने इसे दुनिया के सबसे छोटे राज्य का दर्जा भी दिया था। सीलैंड पर बना ये सीफोर्ट ग्रेट ब्रिटेन आईलैंड से 13 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। पहले सीलैंड का अपना पासपोर्ट और मुद्रा थी।

तुर्की के प्राचीन अनाटोलिया प्रांत में मौजूद ये खूबसूरत जगह इंसानों के सबसे पुराने ठिकानों में से एक मानी जाती है। कप्पादोकिया को देखकर पता चलता है कि मानव विकास किस क्रम में आगे बढ़ा। यहां मौजूद ईसा पूर्व छठवीं सदी के रिकॉर्ड ये बताते हैं कि ये पारसी साम्राज्य का सबसे पुराना प्रांत रहा है। ये जगह यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल है।

ये इटली के फिरेन्डे शहर के यादगार पुलों में से एक है, जिसे पोन्टे वेकियो यानी पुराने ब्रिज (ओल्ड ब्रिज) के नाम से जाना जाता है। ये पुल आर्नो नदी पर बना है। इस पुल का निर्माण सन् 1345 में उस वक्त हुआ था, जब नदी को पैदल पार करने के लिए बने दो पुल बाढ़ में नष्ट हो गए थे। कुछ समय बाद इस पुल पर मकान और दुकानें बन गईं, जो समय के साथ बढ़ती जा रही हैं।

यमन के हराज पहाड़ों पर सबसे ऊंचाई पर बसा ये दीवारों का शहर है, जिसे अल हजराह के नाम से जाना जाता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे 12वीं सदी का माना जाता है। दीवार जैसे दिखने वाले इन कई मंजिला मकानों का समय-समय पर पुर्ननिर्माण होता रहा है।

ग्रीस के थेसले इलाके में खंभेनुमा खड़ी पहाड़ी पर मौजूद है ये रॉसानोऊ मॉनेस्ट्री (मठ)। सन् 1545 में इसका दोबारा निर्माण कराया गया। इसे दो भाइयों मैक्सिमोस और लोआस्फ ने मिलकर बनाया था। इसमें चर्च, गेस्ट क्वार्टर, रिसेप्शन हॉल और डिस्प्ले हॉल समेत रहने की भी व्यवस्था है। सन् 1800 में लकड़ी का पुल बनने के बाद से यहां पहुंचना आसान हो गया है। रॉसानोऊ मठ साल 1988 से ननों के एक छोटे से समूह के रहने का ठिकाना बन चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *