ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट पर 3 महीने से बंद है भारी छूट

 कोलकाता
देश की दो सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के प्लेटफॉर्म पर पहले जो भारी छूट मिला करती थी, वैसी छूट पिछले तीन महीनों से नहीं दी जा रही है। देश की बड़ी कंज्यूमर कंपनियों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इन प्लेटफॉर्म्स पर अब कोई सामान लागत से कम दाम पर नहीं बेचा जा रहा है। फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के पास जो अपने ब्रांड्स हैं, उन पर छूट अधिक हो सकती है। इस साल फरवरी में ई-कॉमर्स में संशोधित विदेशी निवेश नीति लागू होने के बाद इस क्षेत्र की कंपनियां काफी सावधानी बरत रही हैं।

 

दोनों बड़ी कंपनियां नई सरकार के आने का इंतजार कर रही हैं। उन्हें लग रहा है कि तब वे ऑफलाइन ट्रेड लॉबी का तोड़ निकाल लेंगी। इस लॉबी के पास बड़ा वोट बैंक है और वह सरकार और राजनीतिक पार्टियों से ई-कॉमर्स पर भारी छूट बंद करवाने के लिए लॉबिंग कर रहा है। यह जानकारी बड़ी कंपनियों के चार अधिकारियों ने दी है। कुछ अधिकारियों ने बताया कि भारी छूट का बंद होना ऑनलाइन मार्केट के परिपक्व होने का संकेत है। इससे पता चलता है कि ई-कॉमर्स कंपनियां अब मुनाफे में आने पर ध्यान दे रही हैं।

कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, फैशन और लाइफस्टाइल कंपनियों ने बताया कि फरवरी से इस महीने अब तक इन चीजों पर छूट पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 10-30 पर्सेंट तक कम हो गई है। भारत के ई-कॉमर्स बिजनस में इन प्रॉडक्ट्स की हिस्सेदारी 80 पर्सेंट के करीब है। उन्होंने बताया कि फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के पास फंड की कमी नहीं है, इसके बावजूद छूट में कमी आई है। वैसे दोनों ही कंपनियां अभी भी समय-समय पर सेल का आयोजन करती हैं।

प्यूमा इंडिया के एमडी अभिषेक गांगुली ने बताया, 'भारी छूट का दौर गुजर चुका है।' उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच मार्केटप्लेस पर डिस्काउंट में 11-14 पर्सेंट की कमी आई है। अरविंद लाइफस्टाइल ब्रांड्स के सीईओ जे सुरेश ने बताया कि फुल प्राइस पर बिकने वाले सामानों की संख्या बढ़ी है। इस कंपनी के पास ऐरो, टॉमी हिलफिगर जैसे ब्रांड हैं। उन्होंने कहा कि डिस्काउंट कम होने की एक वजह यह भी हो सकती है कि कंपनियां अब मुनाफा बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।

फ्लिपकार्ट की मालिक वॉलमार्ट चाहती है कि भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी मुनाफा बढ़ाने पर ध्यान दे। ऐमजॉन ने संशोधित नियमों पर अमल के लिए अपने दो मेन सेलर्स क्लाउडटेल और एपैरियो में हिस्सेदारी 49 पर्सेंट से घटाकर 24 पर्सेंट कर दी है। अब इन दोनों कंपनियों की कमान भारतीय प्रमोटरों के हाथों में है, जो शायद प्रॉफिटेबल ग्रोथ चाहते हैं।

हालांकि, इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ऐमजॉन इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान की कीमत सेलर्स तय करते हैं। इस बारे में फ्लिपकार्ट, क्लाउडटेल और एपैरियो से ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिला था। सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने बताया कि इस साल कम छूट की वजह से एवरेज सेलिंग प्राइस में सुधार हुआ है। यह कंपनी देश में थॉमसन और कोडक टीवी सेट्स बनाती है।

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