उर्मिला मातोंडकर को उत्तर मुंबई से मिला टिकट, बीजेपी के गोपाल शेट्टी से होगा मुकाबला

मुंबई 
बॉलिवुड ऐक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को कांग्रेस ने उत्तर मुंबई सीट से टिकट दे दिया है। इस बारे में चर्चा उर्मिला के कांग्रेस में शामिल होने से पहले ही चल रही थी। उर्मिला इस सीट से बीजेपी के गोपाल शेट्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। शेट्टी इस सीट से मौजूदा सांसद भी हैं जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बता दें कि दो दिन पहले ही उर्मिला कांग्रेस में शामिल हुई हैं।  

हालांकि यहां वोटों को जीत में बदलना उर्मिला के लिए इतना आसान नहीं होगा। उत्तर मुंबई लोकसभा सीट पर गुजराती-मराठी वोटों का समीकरण लगभग समान है। दोनों मिलाकर कुल वोटों का लगभग 60 प्रतिशत होगा। 40 प्रतिशत में बड़ा हिस्सा उत्तर भारतीय और मुस्लिम वोटों का है। यहां गुजराती वोट बीजेपी को मिलते हैं, इसलिए कांग्रेस ने उर्मिला मांतोडकर के रूप में मराठी उम्मीदवार दिया है। 

उत्तर भारतीय वोटों में खुद मुंबई कांग्रेस के नेता संजय निरुपम की पैठ है। वह उत्तर मुंबई से एक बार सांसद रह चुके हैं। पास की उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट से ही निरुपम चुनाव लड़ रहे हैं। अलावा इसके उर्मिला को महिला होने, अभिनेत्री होने का भी फायदा मिलने का अंदाजा लगाया जा रहा है। कांग्रेस का अपना आकलन है कि उर्मिला मातोंडकर, बीजेपी उम्मीदवार गोपाल शेट्टी को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। 

सिनेमा और राजनीति। दोनों में बड़ा पुराना नाता है। सितारे आज से नहीं बल्कि 1967 से राजनीति में अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं। इस चलन को कांग्रेस ने शुरू किया जिसे बीजेपी और फिर टीएमसी ने आगे बढ़ाया। 

तेलुगू स्टार कोंगारा जग्या पहले ऐसे फिल्मी सितारे कहे जाते हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव जीता। वह करीब 80 हजार वोटों से आंध्र प्रदेश की ओंगोल सीट से जीते थे। कहा जाता है कि यह चुनाव उन्होंने बिना प्रचार के जीत लिया था।

राजीव गांधी के वक्त में हुए इस चुनाव में तीन बड़े फिल्मी सितारों ने कांग्रेस का दामन थामा। इसमें अमिताभ बच्चन (इलाहाबाद), सुनील दत्त (नॉर्थ वेस्ट बॉम्बे), वैजयंती माला (मद्रास साउथ) जीतकर आए। तीनों ने इस चुनाव में जीतकर नए रेकॉर्ड स्थापित किए थे।

मंडल-कमंडल की आंधी का दौर था। राजेश खन्ना ने कांग्रेस का दामन थामा। नई दिल्ली से उन्हें लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ लड़ाया गया। मुकाबला कड़ा था और आडवाणी सिर्फ 1,589 वोटों से जीत पाए।

इस चुनाव में बीजेपी की सरकार बनी थी। वहीं चुनाव से पहले कृष्णम राजू और विनोद खन्ना ने बीजेपी का दामन थामा था। राजू आंध्र के काकीनंदा (67 हजार वोट) और विनोद गुरदासपुर सीट से जीते।

इस साल राज बब्बर की राजनीति में एंट्री हुई। 1999 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और लगातार दो बार (1999, 2004) आगरा से चुनाव जीता। इसके बाद वह 2009 का चुनाव (फिरोजाबाद) कांग्रेस से लड़कर जीते। फिर 2014 में उन्हें गाजियाबाद से लड़ाया गया, लेकिन वीके सिंह ने उन्हें हरा दिया।

इस साल तीन बड़े सितारों ने अलग-अलग पार्टियों का दामन थामा। इसमें गोविंदा (कांग्रेस), धर्मेंद्र (बीजेपी) और जया प्रदा (समाजवादी पार्टी) शामिल हैं। जय प्रदा के अलावा दोनों ही ऐक्टर राजनीति में चमक नहीं पाए।

शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में वैसे पहले से ऐक्टिव थे। लेकिन फिर उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया। फिर पटना साहिब से लगातार दो (2009, 14) बार चुनाव जीते।

अबतक से चुनावों को देखा जाए तो 2014 में सबसे ज्यादा सितारों ने राजनीति में किस्मत आजमाई। इसमें मुन मुन सेन (टीएमसी), संध्या रॉय (टीएमसी), हेमा मालिनी (बीजेपी), परेश रावल (बीजेपी), बाबुल सुप्रीयो (बीजेपी), किरण खेर (बीजेपी) और मनोज तिवारी के नाम प्रमुख हैं।

हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि बीजेपी के गढ़ में उर्मिला कितने वोट काट पाएंगी, अभी यह कहना मुश्किल है, लेकिन वह कांग्रेस को चर्चा में जरूर बनाए रखेंगी। नॉर्थ मुंबई सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। हालांकि बॉलिवुड अभिनेता गोविंदा ने वर्ष 2004 में पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाईक को यहां से पराजित किया था। नाईक इस समय उत्तर प्रदेश के राज्यपाल हैं। 

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