ईवीएम-वीवीपैट में अंतर होने पर VVPAT की गिनती ही मानी जाएगी निर्णायक

पटना 
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकसभा चुनाव 2019 के हार-जीत का परिणाम आज (23 मई) को आ रहा है. वोटों की गिनती के साथ ही फैसला हो जाएगा कि कौन-सी पार्टी सरकार बना रही है. ईवीएम-वीवीपैट से हो रहे इन चुनावों में मतगणना किस तरह होगी, यह हम आपको यहां बता रहे हैं.

भारत में लोकसभा चुनाव में पहली बार वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है. इसमें हर विधानसभा से 5 मतदान केंद्रों के वीवीपैट और इवीएम के वोटों की संख्या का मिलान किया जाएगा. हालांकि इसके पहले कई विधानसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट का मिलान हो चुका है. लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें ईवीएम और वीवीपैट के वोटों का मिलान गलत पाया गया हो.

नियमों के मुताबिक वोटों की गिनती का मिलान वीवीपैट से किया जायेगा.अगर ये काउंट अलग-अलग आता है तो फिर से गिनती की जायेगी. री काउंटिंग में भी अगर ईवीएम और वीवीपैट के मतों की संख्या का मिलान नहीं होता है तो वीवीपैट से मिले मतों का आंकडा अंतिम माना जाएगा.
 
मतगणना शुरू होते ही सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी. उसके 30 मिनट बाद ईवीएम को लाया जाता है. ईवीएम को खोले जाने से पहले मतगणनाकर्मी और प्रत्याशी के एजेंट उसकी जांच करते हैं. उसके बाद वोटों की गिनती शुरू होती है. ईवीएम का पावर ऑन किया जाता है और रिजल्ट बटन की सील हटाई जाती है. रिजल्ट बटन को दबाते ही हर कैंडिडेट को मिले वोटों की संख्या सामने आ जाती है. एक राउंड की गिनती होने के बाद, ईवीएम को फिर से सील कर दिया जाता है. पहले चरण की गिनती पूरी होने पर चुनाव अधिकारी दो मिनट का इंतजार करता है.

अगर किसी प्रत्याशी को लगता हो कि गिनती में कोई कमी रह गई हो तो वह इस दो मिनट के अंदर आपत्ति जता सकता है. साथ ही वह दोबारा गिनती की मांग कर सकता है. इसके बाद चुनाव अधिकारी फैसला लेता है कि दोबारा गिनती कराई जाए या नहीं. वोटों की गिनती का मिलान VVPAT से किया जाता है और फिर उसको चुनाव अधिकारी के पास भेजा जाता है.

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