ईवीएम के समर्थन में आईएएस, आईपीएस आधिकारी, पूछा- हैकिंग करवा नौकरी दांव पर लगने देंगे?

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए वोटिंग खत्म होते-होते ईवीएम मशीन से छेड़खानी के आरोपों का 'शोर' फिर सुनाई देने लगा है। चुनाव आयोग द्वारा हर तरह से भरोसा दिलाने के बावजूद विपक्षी दल नतीजों से एक दिन पहले तक ईवीएम को लेकर शंका में हैं। इस बीच कुछ सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों ने ईवीएम को टेंपर प्रूफ बताते हुए इसपर पूरा भरोसा जताया है। इस लिस्ट में मौजूदा आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ पूर्व रॉ चीफ भी शामिल हैं। इन सभी ने एक आवाज में कहा है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता।

खुफिया एजेंसी के पूर्व चीफ विक्रम सूद ने ईवीएम का समर्थन करते हुए लिखा है 2009, 2014 और 2018 के चुनावों में भी इसका इस्तेमाल हुआ तो विवाद अब क्यों बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सिर्फ काउंटिंग मशीन है और इसे किसी दूसरे सर्किट या इंटरनेट से नहीं जोड़ा जाता। ईवीएम के समर्थन में सूद ने एकसाथ 8 ट्वीट किए हैं।

जानी पहचानी आईपीएस अफसर डी रूपा लिखती हैं कि ईवीएम को हैक करना मुमकिन नहीं है। उन्होंने लिखा कि सभी आईएएस अफसर और राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारी यह बात जानते हैं क्योंकि चुनाव के दौरान वे ही रिटर्निंग अफसर आदि का काम करते हैं। उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या सभी अफसर अपनी नौकरी को दांव पर लगाकर हैकिंग होने देंगे?

वहीं आईएएस संजय दीक्षित लिखते हैं कि उन्होंने 4 लोकसभा चुनाव संपन्न करवाने में भूमिका अदा की है। वह पूछते हैं कि एक यंत्रस्थ कैलकुलेटर को कैसे हैक किया जा सकता है?

आयुष्मान भारत के डेप्युटी सीईओ दिनेश अरोड़ा ने भी ईवीएम विवाद को बेमतलब बताया। उन्होंने लिखा कि वह तीन बार रिटर्निंग अफसर रह चुके हैं और ईवीएम को काफी प्रभावशाली मानते हैं। अरोड़ा ने बताया कि मतदान से लेकर वोटों की गिनती तक सब काफी पेशेवर और सुरक्षित तरीके से होता है।

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