इस कारण से होता है डायबिटिक फुट अल्सर​, ऐसे करें बचाव

विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। विटामिन-डी का मुख्य स्रोत सूर्य की किरणों का प्रकाश है। इसके अलावा कई खाने-पीने की चीजों से भी विटामिन-डी शरीर को मिलता है। विटामिन-डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है जो शरीर को कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और जिंक को ऑबर्जब करने में मदद करता है। विटामिन-डी की कमी से शरीर में कई समस्याएं हो जाती हैं। वहीं, विटामिन-डी की कमी हो जाने से डायबिटिक फुट अल्सर की समस्या हो जाती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

डायबिटिक फुट अल्सर
डायबीटीज की अधिकता के चलते पैर का अल्सर हो जाता है। पैर में अल्सर हो जाने पर स्किन की टीशू टूट जाती हैं और और उसके नीचे की परतें दिखने लगती हैं। पैर में अल्सर अधिकतर अंगूठे और पंजों के नीचे होता हैं। अल्सर पैरों की हड्डियों को प्रभावित करता है। पैर के अल्सर का खतरा सभी डायबीटीज पेशेंट को रहता है। पैरों की अच्छी तरह से देखभाल करने से इसको रोका जा सकता है। अगर आपके पैर की स्किन का रंग बदला रहा है या टिशू काले हो जाएं तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी ऐसा होता है कि पैर में अल्सर हो जाने तक इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं। डायबीटीज की बड़‌ी वजहों में विटामिन डी की कमी भी होती है। बता दें कि अगर किसी व्यक्ति को एक साथ मोटापे और विटामिन डी की कमी हो जाए तो डायबिटिक फुट अल्सर होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।

विटामिन-डी की कमी को ऐसे करें पूरा
1- मछली से विटामिन-डी भरपूर मात्रा में मिलता है।
2- अनाज विटामिन-डी का अच्छा स्रोत होते हैं।
3- संतरे के रस में भी विटामिन-डी भरपूर मात्रा होती है।
4- विटामिन-डी के लिए अंडों का सेवन करना चाहिए। अंडे की जर्दी में विटामिन-डी पाया जाता है।
5- दूध से शरीर को विटामिन-डी पर्याप्त मिलता है। बता दें कि दिनभर जितना विटामिन-डी चाहिए होता है उसमें से 20 फीसदी दूध से मिल जाता है।

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