इतनी जल्दी में क्यों है नेता जी ,आपको जनता की चिन्ता सता रही है या श्रेय की लेने की होड़।

  1. छिन्दवाड़ा शहर की जनता को पेयजल  संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है इस साल कम वर्षा कि वजह से शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाला कन्हरगांव डेम में पर्याप्त पानी स्टोर नही होने की वजह से निगम के अधिकांश क्षेत्रो में  पेयजल आपूर्ति नियमित रूप से नही हो पा रही है कुछ दिनों पहले तकनीकी कारणों की वजह से तीन चार दिन के अंतराल में पेयजल आपूर्ति हो रही थी।

निगम के अधिकारी लगातार प्रयास करते दिखे कि जनता तक प्रतिदिन पानी पहुंचाया जा सके ,निगम अधिकारियों के प्रयास से माचागोरा डेम से पाईप लाइन डालकर ,शहर में प्रतिदिन जलापूर्ति का करने का कार्य चालू है।

लेकिन आज दिनभर के सियासी उठापटक  के चलते बोर शुभारंभ का कार्य को निर्धारित समय से पहले ,भाजपा के निगम के जनप्रतिनिधियों द्वारा कर दिया गया,आखिर इन्हें शहर में प्रतिदिन जलआपूर्ति सेवाएं देने की  भी इतनी जल्दी होती तो हम उसे सही मानते।

जब पानी की त्राहि त्राहि पूरे क्षेत्र में होो चुकी है तब भी आप लोग नाम और श्रेय की राजनीति उलझे हो।

भाजपा नेता निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र मिगलानी  का कहना है कि हमारी  पार्टी के लोगो की अनदेखी की जा रही है इसलिए हमने बोर का शुभारंभ कर दिया है।

वही छिन्दवाड़ा विधायक दीपक सक्सेना का कहना है हमने 20 करोड़ की लागत से जनता तक पेयजल आपूर्ति के लिए प्रयास कर रहे है जिससे लोगो को एक मार्च से प्रतिदिन पेयजल प्रदाय किया जाएगा

आज के कार्यक्रम में  निगम के  निर्वाचित सभी जनप्रतिनिधियों का ध्यान रखा गया  यहां तक की लोकार्पण  के पत्थरों में भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधि का भी नाम लिखा हुआ है लेकिन फिर भी  भाजपा नेताओं द्वारा समय पूर्व बोर का शुभारंभ करना, ओछी राजनीति का परिचायक है हमने शहर को पेयजल संकट से निजात दिलाने  के लिए 50 बोर की योजना बनाई है जिसमे से आज 5 बोर का शुभारम्भ किया जाना है इससे जनता को फौरी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री 26 जनवरी को जिस एमएलबी स्थित पार्क का लोकार्पण करने वाले है उस पार्क का भी भाजपा नेताओं द्वारा लोकर्पण और नामकरण कर दिया विधायक का कहना है इससे कोई फर्क नही पड़ता है मुख्यमंत्री का काम मुख्यमंत्री करेंगे विधायक का काम विधायक।

 

लगभग कई दशकों की राजनैतिक निष्क्रियता के चलते

शहर के नागरिकों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है उसमें छिन्दवाड़ा  जिले की दोनों प्रमुख पार्टी जबाबदार है क्योंकि जब दशकों पहले कन्हर गांव डेम बना तब शहर की आबादी आज की आबादी की तुलना में निश्चित तौर पर कम रही होगी  फिर नए डेम निर्माण की दिशा में क्यों नही सोचा गया ।

कंहारगांव डेम का गहरीकरण का कार्य किया जाना चाहिए ताकि अगर बारिश औसत से अधिक हो तो उसमे स्टोरेज की क्षमता बढ़े जाए

कंहारगांव डेम के आस पास  पौधरोपण कर वृक्ष बनाने की पहले होनी चाहिये ताकि इसके आस।पास के क्षेत्रों में हुई बारिश  से  डेम जलस्तर भी बढ़ जाएगा।

पेयजल संकट से बोर वेल वालो की चांदी हो गई है लेकिन बोर कोई हल नही है आज शहर जा जलस्तर भी नीचे जा रहा है हम सभी को मिलकर इस दिशा में सोचना चाहिए कि जलस्तर कैसे बढ़े  क्या आम जनता ने निगम रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का पूरी तरह से पालन किया।

 

 

 

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