इकॉनमी की हालत सुधरने में लगेंगे वर्षों : शक्तिकांत दास

नई दिल्ली
कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आज जो कहा वह बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि इसका इकॉनमी पर असर उम्मीद से कहीं ज्यादा है और सुधार में कई साल लग सकते हैं। आज रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (Monetary Policy Committee) की बैठक समाप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने यह बयान दिया है। दास ने कहा कि लॉकडाउन में राहत से सप्लाई साइड की समस्या तो धीरे-धीरे दूर हो जाएगी, लेकिन डिमांड साइड की समस्या बेहद गंभीर है।

20-22 मई को हुई थी इमर्जेंसी बैठक
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक हर दो महीने पर होती है। प्रस्तावित बैठक 3-5 जून के बीच थी, लेकिन हालात के मद्देनजर 20-22 मई के बीच बैठक बुलाई गई थी। उसी बैठक में रिजर्व बैंक ने रीपो रेट और रिवर्स रीपो रेट 40-40 बेसिस पॉइंट्स घटाने का फैसला किया था।

डिमांड साइड की प्रॉब्लम गंभीर
शक्तिकांत दास ने कहा कि डिमांड में भारी गिरावट आई है। देश में दो महीने के करीब लॉकडाउन रहा। ऐसे में सप्लाई और डिमांड दोनों प्रभावित हुआ। अब लॉकडाउन में राहत दी गई है, जिससे सप्लाई साइड की प्रॉब्लम धीरे-धीरे दूर हो जाएगी, लेकिन डिमांड साइड की प्रॉब्लम बरकरार है।

एकमात्र कृषि में तेजी
दास ने कहा कि कृषि एकमात्र सेक्टर है, जहां तेजी दर्ज की गई है। इस साल अच्छे मॉनसून का अनुमान है, जिससे कृषि सेक्टर में तेजी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा अन्य सभी सेक्टर का हाल बुरा है। पिछले दो महीने में जितने इंडिकेटर्स आए हैं, वे निराशाजनक हैं।

तिमाही नतीजे में भारी गिरावट
हाल ही में 2019-20 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च तिमाही की रिपोर्ट आई है। पूरे वित्त वर्ष में विकास दर 11 साल के न्यूनतम स्तर, 4.2 फीसदी पर रही। चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *