आर्केस्ट्रा संचालक ने कहा देर रात मिली शहादत की सूचना , फिर रोका कार्यक्रम!

 

 

हरदा

14 फरवरी को एक स्थानीय होटल में चल रहे एसपी के विदाई कार्यक्रम में गीत संगीत प्रस्तुति दे रहे आर्केस्ट्रा संचालक ने कहा उन्हें रात करीब पौने ग्यारह बजे ये जानकारी आयोजन से संबंधितों द्वारा बताई गई। तब उन्होंने यह कार्यक्रम रात करीब सवा ग्यारह बजे रोक दिया। मिश्रा ने बताया ये आयोजन पुलिस विभाग का था। मिश्रा ने विभाग द्वारा चंदा करके इस आयोजन को करने की बात कही।  उन्होंने कहा कि हमें हमले से जुड़ी कोई जानकारी नही थी। 

 

गौरतलब है, आयोजन स्थल पर नवागत एसपी, स्थानान्तरित एसपी, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत भी मौजूद रहे। साथ ही कार्यक्रम में अन्य मातहत अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

आर्केस्ट्रा संचालक व अधिवक्ता सुदीप मिश्रा ने मीडिया को बताया कि कलेक्टर साहब रात लगभग 10 बजे कार्यक्रम में आये थे। फिर भाषण हुए, सम्मान हुआ। फिर विदाई भोज हुआ।

 

सुदीप मिश्रा  ने स्थानांतरित एसपी की तारीफ करते हुए कहा कि वे बहुत बढ़िया व्यक्ति हैं। मिश्रा ने कहा कि विदाई कार्यक्रम में माइक पर उद्बोधन के दौरान तीन-चार थाना प्रभारी ने विदाई से भावुक होकर अश्रु भी बहाए। मिश्रा ने विदाई से माहौल गमगीन होना बताया।

 

मिश्रा ने एसपी सिंह के गायन की प्रशंसा की। उन्होंने उनके गाये गीतों का जिक्र मीडिया के सामने किया। मिश्रा ने कहा ज़िला पंचायत सीईओ ने भी इस कार्यक्रम में गाना गाया था। 

 

यह रही चर्चाएं – 

खबरें प्रकाश में आने के बाद जारी जनचर्चा में , इस विदाई कार्यक्रम में तीन आईएएस और दो आईपीएस होने के बावजूद पुलवामा में आतंकी हमला होने और सैनिकों के बड़ी संख्या में शहीद होने की जानकारी न होने को लोगों ने बहुत अजीबो गरीब बताया गया। 

 

जनचर्चा में, करीब 4 बजे हमला होने के बाद,  5 बजे तक सोशल मीडिया के माध्यम के इस आशय की सूचना खासो आम तक पहुंच चुकी थी । मोबाइल युग मे जब हर व्यक्ति हाथ मे मोबाइल रख, फेसबुक, व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़ा होकर पल पल के नोटिफिकेशन को हरपल देखता है। इस विदाई सभा मे मौजूद अन्य किसी भी व्यक्ति को बाहर घटी देश दुनिया की बड़ी घटना से अनभिज्ञता हजम नहीं हुई। जो लोग ड्यूटी के दौरान मेसेज चेक करते हैं, वे विदाई कार्यक्रम में फुर्सत के लम्हों में जागरूक न हो सके। इसको लेकर भी चर्चा होती रही। 

 

इधर , एक दैनिक अखबार में अधिकारी गण के केंडल मार्च में उपस्थिति वाले बयान को लेकर भी काफी चर्चा रही। कैंडल मार्च के दौरान उपस्थितगण भी बाद में इस बयान को लेकर चर्चारत रहे। चर्चा में  प्रमुख दैनिक समाचार पत्र में अधिकारीगण के बयान की साम्यता को लेकर भी कानाफूसी चलती रही।

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