‘आतंकी किलर’ राष्ट्रीय राइफल में होंगे अहम बदलाव, निदेशालय जाएगा नॉर्दन

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुकाबला कर रही राष्ट्रीय राइफल (आरआर) का निदेशालय (डायरेक्टरेट) अब नॉर्दन कमांड शिफ्ट हो सकता है। सेना के ढांचे में बदलाव को लेकर आर्मी की तरफ से जो स्टडी की गई उसमें इसकी जरूरत पर जोर दिया गया। जिसके बाद आर्मी ने पूरी रिपोर्ट और सुझाव तैयार कर इसे रक्षा मंत्रालय को भेजा है। मंत्रालय के अप्रूवल के बाद आरआर डारेक्टरेट सेना के नॉर्दन कमांड शिफ्ट हो जाएगा। अभी राष्ट्रीय राइफल डायरेक्टरेट दिल्ली में सेना हेडक्वॉर्टर के साथ ही है। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक बेहतर कॉर्डिनेशन के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

दिल्ली से 7 अधिकारी होंगे नॉर्दन कमांड शिफ्ट
अभी दिल्ली में आरआर डारेक्टरेट में डायरेक्टर जनरल आरआर बैठते हैं जो सेना में लेफ्टिनंट जनरल हैं। इसके अलावा मेजर जनरल रैंक के अधिकारी एडीजी आरआर हैं। दो ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी हैं, दो कर्नल हैं साथ ही पांच लेफ्टिनंट कर्नल या मेजर रैंक के अधिकारी हैं। सूत्रों के मुताबिक जो रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है उसमें कहा गया है कि एक बार आरआर का डारेक्टरेट एडीजी आरआर (मेजर जनरल रैंक के अधिकारी) के अंडर में नॉर्दन कमांड शिफ्ट हो जाएगा उसके बाद डीजी आरआर को कुछ और जिम्मेदारी दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय के अप्रूवल के बाद आरआर डारेक्टरेट के 7 अधिकारियों को नॉर्दन कमांड शिफ्ट किया जाएगा। जिसमें 1 एडीजी आरआर (मेजर जनरल), 2 ब्रिगेडियर आरआर, 1 कर्नल जीएस और 3 अन्य अधिकारी शामिल हैं। मौजूदा आरआर डायरेक्टरेट के 3 अधिकारी दिल्ली में आर्मी हेडक्वॉर्टर में ही रहेंगे लेकिन तब ये डीजी इंफ्रेंट्री के तहत रहेंगे।

बेहतर समन्वय के लिए जरूरी
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक बेहतर समन्वय के लिए आरआर डारेक्टरेट को नॉर्दन कमांड शिफ्ट करना जरूरी है। भारतीय सेना की ब्रांच राष्ट्रीय राइफल एक काउंटर इंनसरजेंसी फोर्स है। यह जम्मू- कश्मीर में तैनात है और आतंकियों के सफाए में जिस तेजी से इसने काम किया है उससे मिलिटेंट किलर (आतंकी किलर) के रूप में अपनी पहचान बनाई है। आरआर काम तो जम्मू-कश्मीर में करती है लेकिन इसका डारेक्टरेट दिल्ली में होने से कई बार पहले भी सवाल उठे हैं। अब जब सेना के ढांचे में बदलाव कर उसे ज्यादा चुस्त दुरुस्त बनाने की प्रक्रिया चल रही है तो इसमें आरआर डारेक्टरेट को भी नॉर्दन कमांड के साथ शिफ्ट किया जाने का सुझाव है। जम्मू-कश्मीर सेना की नॉर्दन कमांड के तहत ही आता है।
 
 

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