आज शाम को निकलेगी पहली शाही सवारी

उज्जैन
 सावन महीने के पहले सोमवार पर 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा। तड़के सुबह 3 बजे भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक किया गया। इसके बाद विधि-विधान से पंडे-पुजारियों ने महाकाल की भस्मारती की। अपने आराध्य के दर्शन को देर रात से ही देश और दुनिया से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम को बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकलेगी।

सावन महीना शुरू होते ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। मप्र में दो ज्योर्तिलिंग होने से बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। खंडवा में ओंकारेश्वर तो उज्जैन में महाकालेश्व के दर्शन को पूरे सावन महीने देश-दुनिया से भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहेगा। भस्मारती के दर्शन के लिए रात 12 बजे से ही भक्त कतार में लग गए थे।
देशभर से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।

महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि सुबह ढाई बजे महाकालेश्वर के गर्भगृह के पट खोले गए, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने महाकाल को जल चढ़ाया। पंडे-पुजारियों ने दूध, दही, पंचामृत, दृव्य प्रदार्थ, फलों के रस से महाकाल का अभिषेक किया। महानिर्वाणी अखाड़े के प्रतिनिधि द्वारा विधि-विधान महाकालेश्वर की भस्म आरती की गई। इसके बाद महाकालेश्वर का आकर्षक श्रृंगार किया गया। पंडे-पुजारियों ने ढोल-नगाडों के साथ महाकाल की श्रृंगार आरती की और फिर श्रद्धालुओं के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हो गया। अब दिनभर देश भर से आए सैकड़ों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं।

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