अलविदा 2018: ये रहीं साल की सबसे चर्चित किताबें, जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए

साल 2018 खत्म ही है. ऐसे में हम एक बार नजर डाल रहे हैं, साल की उन खास किताबों, पर जिन्हें अलग-अलग कारणों से चर्चा मिली. इनमें कई किताबें हैं, जिन्हें या तो आप एक बार पढ़ना चाहेंगे, या हमेशा के लिए अपनी किताबों की आलमारी में सहेजना चाहेंगे. इस साल साइंस से लेकर राजनीति तक पर कई किताबें आईं, जिन्हें काफी चर्चा मिली और उन्हें पसंद किया गया.

तो आइए, डालते हैं एक नजर साल के चर्चित भारतीय लेखकों से लेकर विदेशी लेखकों की किताबों पर-
– Why I Am A Hindu (By Shashi Tharoor): भारत में हिंदुत्व को लेकर छिड़े बहस के बीच शशि थरूर ने हिंदू धर्म पर निजी घटनाओं के जरिए एक नैरेटिव खींचा है. इसमें उन्होंने हिंदुत्व के इतिहास से लेकर धर्म की राजनीति तक पर बात की है. इस किताब के जरिए उन्होंने बताया है कि एक हिंदू परिवार में पले-बढ़े होने के चलते उनका हिंदुत्व को लेकर क्या दृष्टिकोण है. इसमें उनके अप्रोच के अलावा केस स्टडी भी मिल जाएगी.

– Ants Among Elephants: An Untouchable Family and the Making of Modern India (By Sujatha Gidla):  सुजाता गिडला की इस किताब को इस साल शक्ति भट्ट फर्स्ट बुक प्राइज मिला था. यूएस में रहने वाली दलित लेखिका गिडला ने अपने इस मेमोआर यानी संस्मरण में गरीबी से लड़ाई, जातिभेद और लिंगभेद की समस्याएं और हिंसा के बीच अपनी जिंदगी की कहानी कही है. उन्होंने अपनी मां जैसी महिलाओं की कहानी भी बताई है, जिन्होंने हर मुश्किलों का सामना करते हुए समाज में अपनी अलग जगह बनाई है.

– Milkman (By Anna Burns): एना बर्न्स की किताब मिल्कमैन इस बार मैन बुकर अवॉर्ड की विजेता रही है. ‘मिल्कमैन’ में उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के बीच एक युवती और एक शादीशुदा शख्स की प्रेम कहानी बयान की गई है. ये किताब अपनी कहानी में कई पहलुओं से हैरान करती है.

Becoming (By Michelle Obama): पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी और अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा भी उतनी ही लोकप्रिय हैं, जितने उनके पति. और अब आखिरकार मिशेल ओबामा ने अपना मेमोआर लिखा है. उनकी ये किताब उनके संस्मरणों का कलेक्शन है, जिसमें वो अपने बचपन से अब तक की घटनाओं के जरिए हमें अपनी दुनिया में झांकने का मौका देती हैं. इस किताब में मिशेल ओबामा बहुत बेहिचक और मजेदार तरीके से हमें सबकुछ बताती हैं.

What We Talk About When We Talk About Rape (By Sohaila Abdulali): सोहैला अब्दुलाली ने ये किताब अपने भयावह अनुभव से लिखी है. वो गैंगरेप सर्वाइवर हैं और उन्होंने अपनी इस किताब में यौन शोषण पर एक पीड़ित के तौर पर ही नहीं, एक काउंसलर और एक एक्टिविस्ट के तौर पर भी बात की है. वो अपने ही और कई सर्वाइवर्स की कहानी साझा करती हैं. सबसे बड़ी बात ये कि वो अपनी इस किताब में रेप और यौन शोषण से जुड़े ऐसे सवाल भी पूछती हैं, जो आमतौर पर लोगों को असहज और निरुत्तर करते हैं.

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