अरबपतियों की संख्या में विश्व का तीसरा बड़ा देश बना भारत, अमेरिका पहले स्थान पर

मुंबई
विश्व के सबसे ज्यादा अरबपतियों की सूची में भारत का तीसरा स्थान आगे भी बरकरार रहेगा। अगले आठ साल में इनकी संख्या में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद है। हालांकि पहले स्थान पर अभी भी अमेरिका है और यह आने वाले सालों में भी इसको लेकर के पहले स्थान पर काबिज रहेगा।

अफ्रेशिया बैंक ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू के अनुसार इस सूची में अमेरिका और भारत के अलावा चीन भी शामिल हैं, जो दूसरे स्थान पर काबिज है। भारत मे फिलहाल 238 अरबपति और बढ़ जाएंगे, जबकि अमेरिका में 2027 तक 884 अरबपति और चीन में 448 अरबपति बढ़ जाएंगे। इस वक्त पूरी दुनिया में 2252 अरबपति है। आने वाले कुछ सालों में इनकी संख्या 3444 होने की उम्मीद है।

अरबपति वो लोग हैं, जिनकी संपत्ति एक अरब डॉलर से ज्यादा है।  भारत, चीन और अमेरिका के अलावा ब्रिटेन (113), जर्मनी (90) और हांगकांग (78) में भी अरबपतियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ने की संभावना रिपोर्ट में जताई गई है।  

भारत विश्व का छठा देश हैं जहां अरबपतियों की कुल संपत्ति 8230 अरब डॉलर है। अमेरिका के अरबपतियों के पास कुल 62584 अरब डॉलर संपत्ति है और यह पहले स्थान पर काबिज है। वहीं चीन के अरबपतियों के पास कुल 24803 अरब डॉलर की संपत्ति है। तीसरे स्थान पर जापान है, जहां पर अरबपतियों के पास कुल 19522 अरब डॉलर की संपत्ति है।

नॉर्वे विश्व में एक मात्र ऐसा देश है, जहां के 30 से 35 साल के युवाओं को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है। यह सैलरी औसतन 42 लाख रुपये होती है, जोकि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। इसके बाद अमेरिका और जर्मनी का स्थान आता है। हालांकि यहां के युवाओं को मिलने वाली सैलरी में क्रमशः पांच व नौ फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। नॉर्वे में 15-29 साल के नौजवानों में बेरोजगारी भी सबसे कम 9.4 फीसदी है, जबकि ओईसीडी देशों में यह औसत 13.9 फीसदी है।

जहां पूरे विश्व में इस वक्त वैश्विक मंदी का माहौल है, वहीं नॉर्वे एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर इस बात का असर देखने को नहीं मिला है। 149 देशों के बीच खुशहाल अर्थव्यवस्था के मामले में यह देश पहले स्थान पर है। नॉर्वे एक ऐसा देश है जहां का हर युवा दूसरे देश के युवाओं की तुलना में बेहद लग्जरी लाइफ जीता हे।

तेल और गैस सेक्टर ने पिछले तीन दशकों से देश की आर्थिक तरक्की पहुंचाई है। इसके अलावा नॉर्वे ने अपने पैसे को दुनिया के सबसे बड़े सोवेरन वेल्थ फंड में लगाया है। यह एक विशाल गुल्लक की तरह है जिसका पैसा 9000 से ज्यादा कंपनियों में निवेश किया जाता है। फिलहाल यह फंड 7,32,65 अरब रुपये से ज्यादा का है। इस बचत के बावजूद नॉर्वे में टैक्स की दरें विश्व में सबसे ज्यादा हैं। न्यूनतम मजदूरी की दरें यूनियन के साथ बातचीत के आधार पर तय होती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *