”अनुशासनहीनता कोई न करे, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो”

भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह ने भोपाल में आज मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह पूरा घटनाक्रम तब चालू हुआ जब उन्होंने भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम  के आईआईएस से जुड़े होने का बयान दिया। उन्होंने वन मंत्री उमंग सिंघार का नाम लिए बिना कहा कि अनुशासनहीनता कोई न करे, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर उन्होंने पूरा प्रकरण में आगे कार्यवाही को लेकर छोड़ने की बात की।

दिग्वियज सिंह ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम तब चालू हुआ जब उन्होंने भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम के आईआईएस से जुड़े होने का मामला उठाया। मैं उस विचारधारा से समझौता नहीं कर सकता। 2017 में ये लोग पकड़ाए थे, तब पुसिल ने उन आरोपियों पर न तो एनएसए लगाया और न ही तत्कालीन सरकार ने उनकी जमानत के खिलाफ पैरवी की। मेरी लड़ाई बुनियादी तौर पर यही है। उससे ही यह घटनाक्रम चालू हुआ।

दिग्विजय सिंह ने अपने खिलाफ वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा की गई बयानबाजी को लेकर अब गेंद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पीसीसी चीफ कमलनाथ के पाले में डाल दी है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला अब कमलनाथ और सोनिया गांधी को देखना है। उन्होंने सबसे अपील करते हुए कहा कि अनुशासनहीनता कोई नहीं करें, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता हो। उन्होंने कहा कि अब यह प्रकरण कमलनाथ और सोनिया गांधी पर छोड़ता हूं। मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है।  मेरा विवाद राजनीतिक विचारधारा से है।

सिंह ने कहा कि सांसद होने के नाते मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि मेरे पास आए लोगों के आवेदन पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसरों को मैं पत्र लिखूं। मैंने सिर्फ यही पूछा था कि मेरे द्वारा लिखे पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई। उन्होंने कहा कि मैं सबसे यह कहता हूं कि मेरे पत्र में नीति या नियम के विरुद्ध काम हो तो उसे न करें।  

सुपर सीएम और शेडौ सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ऐसी शख्यियत है, जिन्हें किसी के सहयोग की जरुरत नहीं है। सिंधिया के समर्थन में लग रहे पोस्टर्स को लेकर उन्होंने कहा कि किसी के समर्थन में पोस्टर्स लगाना गलत नहीं है। पोस्टर्स के जरिए कार्यकर्ता अपनी मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सिंधिया से कल ही बात हुई है। वे नाराज नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार की आज होने वाली मुलाकात फिलहाल टल  गई है। इस मामले में गुरुवार रात को दिग्विजय सिंह ने एक पत्र उमंग सिंघार को लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में मिलना उचित नहीं है। सिंह के इस पत्र के बाद यह रात में ही यह साफ हो गया था कि दोनों नेताओं के बीच आज मुलाकात नहीं होगी। सिंह ने इस मुलाकात पर कहा कि उन्हें रात में ही सूचित कर दिया गया था। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे डायविटिक नहीं हैं, वे मीठी चाय पीते हैं। गौरतलब है कि तीन सितम्बर को उमंग सिंघार ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को कड़वी चाय पिलाने के लिए बुलाया है।

”अनुशासनहीनता कोई न करे, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो”

भोपाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियज सिंह ने भोपाल में आज मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह पूरा घटनाक्रम तब चालू हुआ जब उन्होंने भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम  के आईआईएस से जुड़े होने का बयान दिया। उन्होंने वन मंत्री उमंग सिंघार का नाम लिए बिना कहा कि अनुशासनहीनता कोई न करे, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो। मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर उन्होंने पूरा प्रकरण में आगे कार्यवाही को लेकर छोड़ने की बात की।

दिग्वियज सिंह ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम तब चालू हुआ जब उन्होंने भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम के आईआईएस से जुड़े होने का मामला उठाया। मैं उस विचारधारा से समझौता नहीं कर सकता। 2017 में ये लोग पकड़ाए थे, तब पुसिल ने उन आरोपियों पर न तो एनएसए लगाया और न ही तत्कालीन सरकार ने उनकी जमानत के खिलाफ पैरवी की। मेरी लड़ाई बुनियादी तौर पर यही है। उससे ही यह घटनाक्रम चालू हुआ।

दिग्विजय सिंह ने अपने खिलाफ वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा की गई बयानबाजी को लेकर अब गेंद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पीसीसी चीफ कमलनाथ के पाले में डाल दी है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला अब कमलनाथ और सोनिया गांधी को देखना है। उन्होंने सबसे अपील करते हुए कहा कि अनुशासनहीनता कोई नहीं करें, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता हो। उन्होंने कहा कि अब यह प्रकरण कमलनाथ और सोनिया गांधी पर छोड़ता हूं। मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है।  मेरा विवाद राजनीतिक विचारधारा से है।

सिंह ने कहा कि सांसद होने के नाते मेरी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि मेरे पास आए लोगों के आवेदन पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसरों को मैं पत्र लिखूं। मैंने सिर्फ यही पूछा था कि मेरे द्वारा लिखे पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई। उन्होंने कहा कि मैं सबसे यह कहता हूं कि मेरे पत्र में नीति या नियम के विरुद्ध काम हो तो उसे न करें।  

सुपर सीएम और शेडौ सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ऐसी शख्यियत है, जिन्हें किसी के सहयोग की जरुरत नहीं है। सिंधिया के समर्थन में लग रहे पोस्टर्स को लेकर उन्होंने कहा कि किसी के समर्थन में पोस्टर्स लगाना गलत नहीं है। पोस्टर्स के जरिए कार्यकर्ता अपनी मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सिंधिया से कल ही बात हुई है। वे नाराज नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वन मंत्री उमंग सिंघार की आज होने वाली मुलाकात फिलहाल टल  गई है। इस मामले में गुरुवार रात को दिग्विजय सिंह ने एक पत्र उमंग सिंघार को लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में मिलना उचित नहीं है। सिंह के इस पत्र के बाद यह रात में ही यह साफ हो गया था कि दोनों नेताओं के बीच आज मुलाकात नहीं होगी। सिंह ने इस मुलाकात पर कहा कि उन्हें रात में ही सूचित कर दिया गया था। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे डायविटिक नहीं हैं, वे मीठी चाय पीते हैं। गौरतलब है कि तीन सितम्बर को उमंग सिंघार ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को कड़वी चाय पिलाने के लिए बुलाया है।

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