अनिल अंबानी समूह की कंपनी आर पावर की हिस्सेदारी बेचकर 2,500 करोड़ रुपये जुटाएंगे प्रोमोटर्स

नई दिल्ली
 संकट का सामना कर रहे अनिल धीरुभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस पावर की हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाए जाने की योजना बनाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कतर और अबू धाबी के सॉवरेन वेल्थ फंड्स के साथ इक्विटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी केकेआर ने रिलायंस पावर में हिस्सेदारी लिए जाने को लेकर रुचि दिखाई है। रिलायंस पावर की हिस्सेदारी बेचकर प्रोमोटर्स करीब 2,500 करोड़ रुपये जुटाए जाने की योजना बना रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी समूह की इस कंपनी ने प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री के लिए जे पी मॉर्गन को बैंकर नियुक्त किया है। जब इस बारे में कंपनी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। सूत्रों ने कहा कि कंपनी के प्रोमोटर्स अपनी कुल 30 फीसद हिस्सेदारी में से 18-19 फीसद की बिक्री करने के बारे में विचार कर रहे हैं।

हालांकि बिक्री के बाद वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसमें 51 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी रखेंगे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2018 के अंत तक कंपनी में प्रोमोट्स की हिस्सेदारी 75 फीसद रही है।

सूत्रों ने बताया कि कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, ब्लैकस्टोन, टीपीजी और केकेआर ने हिस्सेदारी खरीद में रुचि दिखाई है। पिछले हफ्ते रिलायंस समूह ने 90 फीसद से अधिक कर्जदाताओं के साथ यह समझौता किया था कि सितंबर तक उनमें से कोई भी गिरवी रखे गए शेयरों की बिक्री नहीं करेगा। समझौते के तहत ग्रुप समय पर कर्ज देने वाली संस्थाओं और बैंकों को मूलधन के साथ ब्याज का भी भुगतान करता रहेगा।

बीएसई में मंगलवार को आर पावर का शेयर 4.41 फीसद की गिरावट के साथ 10.85 रुपये पर बंद हुआ।

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