होली को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

होली का त्योहार का आते ही मन और तन दोनों रंगीन हो जाते हैं। होली के मौके पर रंगों का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस त्योहार पर खानपान को लेकर खूब तैयारियां की जाती हैं। इसलिए कह सकते हैं कि बिना रंग और खानपान के होली की कल्पना करना मुश्किल है। वहीं, सबसे बड़ा सवाल होता है कि स्वस्थ और सुरक्षित होली कैसे मनाएं? होली के रंग में भंग न पड़े इसलिए इसके लिए इन हेल्थ टिप्स अपनाएं।

हेल्थ टिप्स
1. बाजार में केमिकल युक्त रंगों की भरमार रहती है, ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए की इन रंगों से बचा जाए। होली में सिर्फ नैचरल रंगो का ही इस्तेमाल किया जाए। इसके साथ ही नैचरल रंगों को खेलते समय भी सावधानी रखनी चाहिए।

2. होली खेलते समय रंग लगे हाथों से आंखों को टच न करें, लेकिन अक्सर रंग आंखों में चला जाता है। रंग के आंखों में जाने पर पानी से अच्छी तरह आंखों को धोएं। मले नहीं। आंखों को ताजे और साफ पानी से तब तक धोते रहें जब तक कि पूरा रंग न निकल जाए। इसके बाद भी आंखों में जलन महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। होली के दौरान आंखों को रंगों से बचाने के लिए सनग्लासेस पहन सकते हैं।

3. होली खेलने से पहले शरीर पर क्रीम और तेल लगाना चाहिए और कोशिश करें कि ऐसे कपड़े पहने जो आपके शरीर को ज्यादा से ज्यादा कवर करें। इसके अलावा रंगों का बालों पर भी असर पड़ता है, इसलिए बालों की सुरक्षा भी करें। इसके लिए सिर को कपड़े या टोपी से ढक सकते हैं।

4. होली में रंग खेलने के बाद लोग रंग को छुड़ाने के लिए केमिकल वाले साबुन व अन्य पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, जो कि त्वचा के लिए हानिकारक होता है। इसलिए नार्मल साबुन आदि का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

5. होली में मिठाईयों का चलन सबसे अधिक होता है, इसलिए बाजार में मिठाई की मांग बढ़ जाती है। बाजार में मिलने वाली मिठाईयों में भी केमिकल का खूब इस्तेमाल होता है। इसलिए कोशिश करें कि घर पर बनी मिठाईयों को ही खाएं। इसके अलावा होली के दिन भांग और शराब से बचें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा बना रहता है।

6. होली खेलते समय मुंह में भी रंग जाने का खतरा रहता है। जब भी मुंह में रंग चला जाए तो सबसे पहले अच्छी तरह से कुल्ला करें और जो भी रंग अंदर गया है थूक दें। ढेर सारा पानी पिएं। इसके अलावा रंग लगे हाथों से कुछ भी न खाएं। कभी-कभी रंग खेलते समय कानों में भी चला जाता है। इस बात को हम गंभीरता से नहीं लेते। जब भी ऐसा हो तो कान में सरसों का तेल हल्का गरम करके उसकी एक-दो बूंदें कानों में डाल लें और ऊपर से कॉटन लगा लें।

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