यूपी के ठगों ने आरजीपीवी के फर्जी चैक से निकाले चालीस लाख, एसटीएफ पहुंचेगी शिकायत  

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चालीस लाख रुपए उत्तर प्रदेश के ठगों द्वारा फर्जी चैक द्वारा निकाल लिए हैं। चौकाने वाली बात ये है देश में सबसे ज्यादा भरोसेमंद बैंक कहे जाने वाले भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों के लापरवाही से ठग फर्जीवाड़ा इतनी बड़ी राशि निकालने में सफल हुए हैं। एसबीआई ने बिना जांच पड़ताल के ठगों को करीब चालीस लाख रुपए दे दिए हैं। ये राशि एक या दो दिन या एक दो चैक से नहीं बल्कि तीन माह में डेढ़ दर्जन चैक के माध्यम से निकाली गई है। 

आरजीपीवी के गोपनयी विभाग का बैंक एकाउंट सुल्तानिया रोड़ स्थित एसबीआई ब्रांच में है।, जिसमें आरजीपीवी के गोपनीय विभाग का करोड़ों रुपए का लेनदेन होता रहता है। एसबीआई ने ठगों द्वारा दिए गए फर्जी चैकों का सत्यापन किए बिना ही उन्हें भुगतान कर दिया। ये भुगतान तीन माह में करीब डेढ़ दर्जन चैकों के माध्यम से हुआ है। आरोपियों ने एसबीआई के हूबाहू बारकोड, चैक के सीरियल नंबर और अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चैक के माध्यम से रुपए की निकासी करते रहे हैं। फर्जीवाड़े को बिना देखे परखे एसबीआई के कैश काउंटर ने भुगतान तक कर दिया। जबकि गोपनीय विभाग में एसबीआई ब्रांच द्वारा जारी की गई चैकबुक लॉक में सुरक्षित रखी हुई है। इतना बड़ा एमाउंट आरजीपीवी के गोपनीय विभाग के एकाउंट से निकल जाने पर आरजीपीवी अधिकारियों ने गांधी नगर थाना पहुंचकर  शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कराने आवेदन तक दे दिया है। 

मामला बड़ा होने के कारण आरजीपीवी आरोपियों को पकड़ने के लिए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दे सकते हैं। जानकारी के मुताबिक सुल्तानिया रोड़ की एसबीआई ब्रांच ने आरोपी को करीब चालीस लाख रुपए का भुगतान किया है। ये भुगतान उत्तर प्रदेश की एसबीआई ब्रांच से किए गए हैं। आरजीपीवी जनवरी से मार्च तक परीक्षा संबंधी भुगतान का परीक्षण कर रहा था। इस दौरान सामने आया कि करीब डेढ दर्जन चैक के माध्यम से 70 हजार से 80 हजार रुपए के अलग अलग फर्जी चैक से भुगतान लिया गया है। इसकी सूचना तत्काल गोपनीय विभाग को दी गई। तब एसबीआई ब्रांच से संपर्क कर भुगतान की जानकारी तलब की गई। इसके बाद एसबीआई ने परीक्षण किया,तो फर्जी चैक से भुगतान होना पाया गया है। एसबीआई ने भुगतान से जुडे अधिकारियों की जांड पडताल शुरू कर दी है। घटनाक्रम को खुले पांच दिन हो गए हैं, लेकिन एसबीआई जांच पड़ताल पूरी नहीं कर सका है। 

तकनीकी शिक्षा पर एक करोड़ से ज्यादा का प्रहार 
सत्र 2016-17 के सत्र में प्रवेश के दौरान तकनीकी शिक्षा विभाग की काउंसलिंग सेल से करीब 63 लाख रुपए के चैक से आरिएंटल बैंक से भुगतान हो गया था। मामला आरबीआई के लोकपाल के पास पहुंचने के बाद ओरिएंटल बैंक को पूरा भुगतान डीटीई को वापस करना पड़ा था। इसी तरह एसबीआई ने आरजीपीवी को चालीस लाख रुपए वापस करने का आश्वासन दिया है। फर्जीवाड़े से डीटीई और उनके अंडर में आने वाले आरजीपीवी सहित एक करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है। डीटीई ने एसटीएफ में एफआईआर तो दर्ज करा दी थी, लेकिन एसटीएफ आरोपियों को सलाखों के पीछे तक नहीं पहुंच सकी है। अब आरजीपीवी एसबीआई से राशि तो वसूल कर लेगा, लेकिन गांधी नगर थान के अधिकारी आरोपियों को पकड़कर अदालत के सामने पेश करने का आश्वासन आरजीपीवी अधिकारियों को जरुर दे रहा है। 
 

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