दाहोद-इंदौर रेल परियोजना : पटरी बिछाने के लिए रेलवे को मिली 55.96 0 हेक्टेयर जमीन

झाबुआ
क्षेत्र की जीवन रेखा साबित होने वाली दाहोद-इंदौर रेल परियोजना के लिए झाबुआ तहसील के तहत आने वाले 12 गांवों की कुल 55.96 0 हेक्टेयर जमीन पश्चिम रेल्वे को हस्तांतरित कर दी गई। इससे पटरी बिछाने के काम में आने वाली बाधा काफी हद तक दूर हो जाएगी।

एडीएम एसपीएस चौहान ने आठ शर्तों के साथ आवंटन के आदेश दिए। खास बात यह है कि जमीन जिस प्रयोजन के लिए आवंटित की गई है यदि 6 महीने में उसके लिए उपयोग नहीं होता है तो आदेश स्वत: निरस्त माना जाएगा। यानी पश्चिम रेलवे को इस अवधि में कार्य पूरा करना होगा। दरअसल पश्चिम रेलवे के उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) रतलाम के द्वारा नईबड़ी रेल लाइन दाहोद-इंदौर बरास्ता (झाबुआ-धार-पीथमपुर) परियोजना अंतर्गत पिटोल-झाबुआ सेक्शन की नई लाइन अलाइमेंट के अंतर्गत आने वाली 12 गांवों की 55.96 0 हेक्टेयर सरकारी जमीन रेलवे के पक्ष में हस्तांतरित करने की मांग की थी। 

इसके लिए प्रशासन ने एसडीएम से रिपोर्ट मांगी। एसडीएम ने तहसीलदार के माध्यम से सर्वे करवाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि यदि रेलवे को जमीन आवंटित की जाती है तो किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। इस रिपोर्ट से संतुष्ट होते हुए विज्ञप्ति का प्रकाशन करवाया गया। जब निर्धारित अवधि में कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई तो तहसीलदार के साथ एसडीएम ने भी पश्चिम रेलवे को जमीन आवंटित किए जाने का प्रस्ताव दे दिया। संपूर्ण जांच के उपरांत उक्त प्रस्ताव आयुक्त इंदौर के माध्यम से सचिव मप्र शासन राजस्व विभाग भोपाल को भेजा गया। वहां से बिना प्रीमियम व 1 रुपए वार्षिक भू भाटक पर जमीन आवंटित करने की अनुमति मिल गई।

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