थोक महंगाई ने भी दिया झटका, मार्च में 3.18 फीसदी पहुंचा आंकड़ा

नई दिल्‍ली

चुनावी सीजन में सरकार को महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर झटका लगा है. दरअसल, थोक महंगाई के आंकड़ों में इजाफा हुआ है. यह मार्च में बढ़कर 3.18 फीसदी पर पहुंच गई, जो कि फरवरी में 2.93 फीसदी पर थी.

थोक महंगाई के ये आंकड़े तीन महीने का सबसे उच्चतम स्तर है.  इससे पहले खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खुदरा महंगाई बढ़कर 2.86 फीसदी रही. इससे पहले फरवरी महीने में खुदरा महंगाई दर 2.57 फीसदी रही थी.

थोक महंगाई में इजाफे की वजह

थोक महंगाई में इजाफे की सबसे बड़ी वजह खाने-पीने के वस्तुओं और फ्यूल की कीमतों में तेजी रही. मार्च में खाने-पीने के चीजों की थोक महंगाई में इजाफा हुआ है. खाद्य महंगाई दर पिछले महीने बढ़कर 5.68 फीसदी हो गया, जो कि फरवरी में 4.28 फीसदी था. इसके अलावा सब्जियों की थोक महंगाई दर बढ़कर 28.13 फीसदी हो गई. यह फरवरी में 6.82 फीसदी थी.

हालांकि, आलू की महंगाई घटी. मार्च में यह 1.30 फीसदी पर रही, जो फरवरी में 23.40 फीसदी थी. इसके अलावा मार्च में फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की थोक महंगाई दर में इजाफा हुआ है. पेट्रोल की महंगाई 1.78 फीसदी हो गई. दूसरी ओर, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की महंगाई दर मार्च में घटकर 2.16 फीसदी रह गई, जो फरवरी में 2.25 फीसदी थी.

खुदरा महंगाई और आईआईपी ने भी दिया झटका

इससे पहले मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 फीसदी रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 फीसदी पर थी. इसी तरह मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में सुस्ती से फरवरी महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 0.10 फीसदी रही. पिछले साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 6.90 फीसदी रही थी.

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