छग ने दी सहमति, अब MP में भी पेंशनर्स का बढ़ेगा 4% DA, विभाग ने आयोग को भेजा प्रस्ताव

भोपाल
छत्तीसगढ़ ने दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने पर सहमति दे दी है। जिसके बाद अब मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को भी चार फीसदी मंहगाई भत्ता बढ़ाकर दिया जाएगा। इससे प्रदेश के 4.76 लाख पेंशनरों लाभांन्वित होंगें। राज्य सरकार जल्द ही पेंशनर्स का मंहगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश जारी करेगी। इसके लिए वित्त विभाग ने चुनाव आयोग से अनुमति लेने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी को प्रस्ताव भेज दिया है।कमेटी से हरीझंड़ी मिलने के बाद प्रदेश सरकार चुनाव आयोग से मंजूरी ले सकती है।उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले इसके आदेश जारी किए जा सकते है।

बीते दिनों ही प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोट ने भी इस बात के संकेत दिए थे। उन्होंने जबलपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि  छत्तीगढ़ राज्य की तरह मध्यप्रदेश के पेंशनरों को भी बढा हुआ महॅगाई भत्ता मिलने मे कोई दिक्कत नही है। आचार संहिता लागू होने से पहले ही सरकार ने इस मामले मे स्वीकृति दे दी थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बढ़े हुए महॅगाई भत्ते को लेकर आचार संहिता का हवाला देना गलत है। अगर कोई दिक्कत होगी तो वो खुद चुनाव आयोग से इस सिलसिले मे बात करेंगे। 

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने सहमति देने का पत्र लिखा तो आठ मार्च को छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही डीए में दो प्रतिशत की और वृद्धि के लिए मध्यप्रदेश सरकार से सहमति मांग ली।सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने बिना समय लगाए डीए में वृद्धि के लिए सहमति पत्र भेज दिया। वहीं, आचार संहिता के मद्देनजर डीए में वृद्धि के लिए चुनाव आयोग प्रस्ताव भेजने से पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी को भेज दिया।बता दे कि पेंशनरों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते को देने के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग के नियमो के तहत छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश राज्य को अपनी सहमति देनी होती है। वित्त मंत्री के मुताबिक छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्यप्रदेश ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है । छत्तीसगढ़ में पेंशनरों को बढा हुआ महंगाई भत्ता के आदेश हो चुके हैं, ऐसे में मध्य प्रदेश में भी कोई परेशानी नही होनी चााहिए। 

इससे पहले राज्य के चार लाख 76 हजार पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़ाने के दबाव के चलते वित्त मंत्री तरुण भनोत ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर सहमति मांगी थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक मध्य प्रदेश को पेंशनर्स का डीए बढ़ाने की सहमति नहीं दी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भले ही मध्यप्रदेश के पेंशनर्स का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की सहमति न दी हो पर अपने यहां बढ़ा दिया। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले आठ मार्च को छत्तीसगढ़ सरकार ने एक जनवरी 2018 से दो फीसदी बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया।हालांकि इस कदम का फायदा मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को मिलेगा या नहीं इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं|  क्योंकि अब सरकार कोई भी नीतिगत फैसला नहीं कर सकती है। उधर, पेंशनर्स एसोसिएशन ने दो फीसदी डीए बढ़ाए जाने को धोखा करार दिया है। वित्तमंत्री ने कहा है कि कोई दिक्कत नहीं आएगी| 

दो दिन पहले ही कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का दो प्रतिशत डीए बढाकर नौ फीसदी करने के आदेश जारी किए थे, जबकि पेंशनर्स को अभी तक पांच प्रतिशत ही डीए मिल रहा है।जिसके कारण पेंशनर्स में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त हो गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते साल शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री निवास में हुई पेंशनर्स पंचायत में ऐलान किया था। इसके बाद भी वित्त विभाग ने खजाने की हालात का हवाला देते हुए इसे क्रियान्वित नहीं किया।पेंशनर्स ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ इस उम्मीद के साथ दिया था कि उनके साथ न्याय होगा। वचन पत्र में भी पार्टी ने इसका जिक्र किया है। अब कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेंशनर्स को उम्मीद थी कि लंबित डीए के साथ सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर भी सरकार फैसला करेगी लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। जल्द इस पर फैसला ना लेने पर पेंशनर्स ने सरकार को  चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जो पेंशनर्स के साथ नहीं, वे भी उनके साथ नहीं हैं। इसके बाद सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिख मंहगाई भत्ता बढाने की सहमति मांगी है।लेकिन सरकार ने मध्यप्रदेश को लेकर अब तक कोई फैसला नही लिया है जबकी छग में दो फीसदी भत्ता बढ़ा दिया गया है।

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