चीन का इन्वेस्टमेंट प्लान क्या नरेंद्र मोदी को फिर दिलाएगा सत्ता?

 
नई दिल्ली 

देश में बीजेपी के चुनावी वादे के अनुकूल रोजगार न पैदा होने से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं, दूसरी तरफ चीन में रोजगार की कोई कमी नहीं है, जिसका कारण यह है कि वहां मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़े-बड़े काम हो रहे हैं। ऐसे में चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि रोजगार पैदा करने में चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद कर सकता है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि रोजगारों की कमी के कारण जनता में मोदी सरकार के प्रति रोष है और यह चीन के लिए अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि चीन चाहता है कि मोदी फिर सत्ता में आएं।  
 
संबंध हो रहे प्रगाढ़ 
 'डोकलाम में गतिरोध के एक साल से भी अधिक समय बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति हो रही है। भारत की केंद्र सरकार कमजोर और जनसंख्या व्यापक है। हमें उम्मीद है कि मोदी के प्रति लोगों का नजरिया बदलेगा, जिससे वह आर्थिक सुधार और चीन-भारत के आर्थिक संबंध को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त समर्थन पा सकेंगे।' 

कशमकश में भारत 
समाचारपत्र के मुताबिक, 'ऐसा लगता है कि भारत कशमकश में है। अगर नई दिल्ली चीनी निवेश पर लगाम लगाता है, तो इससे अपरिहार्य तौर पर युवा अबादी के रोजगार में कटौती होगी। चीन का भारत में निवेश मूलतः श्रम-गहन क्षेत्रों जैसे स्मार्टफोन संयंत्रों के निर्माण पर केंद्रित है। चीन आउटबॉन्ड इन्वेस्टमेंट में बड़े उछाल का साक्षी रहा है, क्योंकि इसका श्रम लागत से होने वाला लाभ सीमित हुआ है। अगर भारत खुद को चीनी निवेश का एक आकर्षक गंतव्य बनाता है, तो इससे दक्षिण एशियाई देश में रोजगारों के सृजन को समर्थन मिलेगा।' 

चीनी संजीवनी की जरूरत 
रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव से पहले मोदी सरकार को रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर की जरूरत है और अधिक से अधिक चीनी निवेश को आकर्षित करने से इसमें मदद मिल सकती है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, 'चीनी कंपनियों को भारत के श्रम-गहन उद्योगों में निवेश के लिए उत्साहित करने से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी और चीनी निवेश में तीव्र वृद्धि से आम चुनाव से पहले मोदी को अपने राजनीतिक रुतबे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।' 
 

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